
लखनऊ,2 जुलाई 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 16 जून 2025 को जारी शासनादेश, जिसमें कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को पास के बड़े विद्यालयों में मर्ज करने का निर्देश दिया गया है, उस पर आम आदमी पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है। पार्टी का कहना है कि यह फैसला न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) और बाल अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि लाखों छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य पर सीधा आघात है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार हजारों स्कूल बंद कर रही है, वहीं दूसरी ओर मदिरालयों की संख्या बढ़ाकर सामाजिक ढांचे को कमजोर कर रही है।
राजधानी लखनऊ के स्वास्थ्य भवन चौराहे पर आम आदमी पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेजा। पार्टी ने साफ किया कि वे सरकार के इस फैसले को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।

सुल्तानपुर में जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र एडवोकेट के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद होने से बच्चों को दूर-दराज जाना पड़ेगा और गरीब परिवारों पर असर पड़ेगा।

वहीं, लखीमपुर खीरी में जिलाध्यक्ष अरुण वर्मा ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि सरकार समस्या (कम नामांकन) का इलाज नहीं कर रही, बल्कि स्कूलों को ही खत्म कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो आम आदमी पार्टी प्रदेशभर में जोरदार आंदोलन शुरू करेगी।





