लखनऊ, 24 दिसंबर 2025 :
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने विकास की रफ्तार के साथ नवाचार, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता को नई पहचान दी है। इसी दिशा में केंद्र सरकार की निधि योजना प्रदेश में असरदार साबित हो रही है, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित, खासकर महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए सकारात्मक माहौल बना है। साल 2016 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक देशभर में 714 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को वित्तीय और संस्थागत सहायता मिल चुकी है, जिनमें वर्ष 2017-18 में 23, 2023-24 में 152, 2024-25 में 140 और 2025-26 में 84 स्टार्टअप्स शामिल हैं। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य उत्तर प्रदेश को श्रम शक्ति के साथ-साथ उद्यम शक्ति का मजबूत केंद्र बनाना है।
निधि कार्यक्रम के तहत देशभर में महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को शुरुआती स्तर पर लगातार सहयोग दिया जा रहा है और इस राष्ट्रीय पहल में उत्तर प्रदेश ने अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज कराई है। प्रदेश के 25 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को निधि योजना के अंतर्गत वित्तीय और तकनीकी सहायता मिल चुकी है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश की महिलाएं अब केवल रोजगार की तलाश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि रोजगार सृजन करने वाली उद्यमी के रूप में आगे बढ़ रही हैं। योगी सरकार की स्टार्टअप नीति और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं ने इस सोच को मजबूती दी है और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।
प्रदेश में निधि प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर और समावेशी प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर की स्थापना को योगी सरकार के विकास मॉडल की अहम उपलब्धि माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में कुल 7 टीबीआई और आईटीबीआई कार्यरत हैं, जो महिला स्टार्टअप्स के लिए मार्गदर्शन और सहयोग के केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। इन इनक्यूबेटरों के माध्यम से महिलाओं को तकनीकी परामर्श, व्यवसायिक रणनीति, बौद्धिक संपदा अधिकार, कानूनी और नियामक सहयोग जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। इसका सकारात्मक असर यह हुआ है कि अब छोटे शहरों और कस्बों की महिलाएं भी नवाचार आधारित उद्यम शुरू करने का आत्मविश्वास जुटा पा रही हैं, जो योगी आदित्यनाथ सरकार के दूरदर्शी विजन को दर्शाता है।
सीएम योगी का मानना है कि विकास की धारा केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। इसी सोच के तहत टियर वन और टियर टू शहरों में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कई ऐसे जिले, जो पहले उद्यमिता के मानचित्र पर नहीं थे, अब धीरे-धीरे स्टार्टअप गतिविधियों के नए केंद्र बनते जा रहे हैं। निधि योजना से जुड़े इनक्यूबेटर इन क्षेत्रों में स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण, संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे न सिर्फ महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।






