लखनऊ, 30 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत की राजनीति मंगलवार को उबाल पर रही। जिला पंचायत अध्यक्ष और कई सदस्यों ने विकास कार्यों में कथित लापरवाही और अधिकारियों पर अवैध वसूली के आरोप लगाते हुए कैसरबाग स्थित पंचायत भवन के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तीन वर्षों से बजट पास नहीं होने के कारण जिले में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं।
प्रदर्शन में शामिल विजय बहादुर ने आरोप लगाया कि तीन साल का बजट पड़ा है। न कोई टेंडर हो रहा है और न ही विकास योजनाओं पर काम। मजबूर होकर हमें प्रदर्शन करना पड़ा। जिला पंचायत के चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। जनता को हम क्या जवाब दें? सड़कें अधूरी हैं, नाले खुले पड़े हैं जिनमें आए दिन गाय-भैंस गिर रही हैं। सरकार खुद कहती है गाय हमारी माता है, फिर यह हाल क्यों? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शासन-प्रशासन ने तत्काल संज्ञान नहीं लिया तो प्रदेशभर के जिला पंचायत सदस्य विधानसभा का घेराव करेंगे।
प्रदर्शन में शामिल जिला पंचायत सदस्य अनीता रावत ने भी गंभीर आरोप लगाए। उनके अनुसार अधिकारियों की मनमानी के कारण विकास कार्य रुके हैं। सदस्यों को भ्रमित किया जाता है। फाइलों को रोका जाता और बैठकों में झूठ बोला जाता है। हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। चुनाव सिर पर है और हम खाली हाथ जनता के बीच कैसे जाएं? रावत का दावा है कि तीन साल से न तो परियोजनाओं पर मुहर लगी और न ही क्षेत्र में कोई ठोस कार्य, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
प्रदर्शनकारी सदस्यों ने डीएम को ज्ञापन सौंपने की बात कही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि लंबित बजट को तत्काल जारी कर परियोजनाओं को शुरू कराया जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कार्रवाई न होने पर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।






