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UP सरकार का हाई-टेक सुशासन मॉडल : CM डैशबोर्ड बना पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन की पहचान

मुख्यमंत्री योगी इस डैशबोर्ड के जरिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की करते हैं समीक्षा, जिलों के प्रदर्शन का आकलन कर जारी होती है रैंकिंग, अन्य राज्यों के लिए बना मॉडल

लखनऊ, 3 दिसंबर 2025:

यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शासन व्यवस्था तेजी से डिजिटल और परिणामोन्मुख रूप ले रही है। इस कड़ी में विकसित अभिनव सीएम डैशबोर्ड सिस्टम प्रदेश में त्वरित, पारदर्शी और जिम्मेदार प्रशासन का नया आधार बन चुका है। मुख्यमंत्री स्वयं इस डैशबोर्ड के जरिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। इससे विकास कार्यों की रफ्तार में उल्लेखनीय सुधार और गुणवत्ता में स्पष्ट वृद्धि दर्ज की गई है।

डैशबोर्ड में डेटा इंटीग्रेशन, परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग, विजुअलाइजेशन, रियल-टाइम अपडेट, जिलेवार विश्लेषण और नागरिक सहभागिता जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। जटिल आंकड़ों को सरल दृश्य रूप में पेश कर यह प्रणाली प्रशासन को लक्ष्य आधारित कार्यशैली और जवाबदेही की ओर प्रेरित कर रही है। सरकार के डिजिटल सुशासन मॉडल के रूप में यह डैशबोर्ड देशभर में एक नई मिसाल बनकर उभरा है।

राज्य में 49 विभागों के 109 प्रमुख कार्यक्रमों की मासिक समीक्षा इसी प्लेटफॉर्म से की जाती है। हर माह जिलों की रैंकिंग जारी होती है, जिससे विभागों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित किया जाता है, जबकि कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों को सुधार के निर्देश दिए जाते हैं।

स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण, पेयजल, बिजली, स्वच्छता और सरकारी योजनाओं की पहुंच जैसे महत्वपूर्ण संकेतक इस डैशबोर्ड का प्रमुख आधार हैं। इन संकेतकों के माध्यम से यह सिर्फ ढांचागत विकास ही नहीं, बल्कि किसानों, महिलाओं, युवाओं और वंचित तबकों के समग्र उत्थान को सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रहा है। शिकायत निवारण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे आईजीआरएस पोर्टल से भी जोड़ा गया है। खास बात यह है कि यदि किसी शिकायत का निस्तारण नागरिकों को संतोषजनक न लगे, तो अधिकारियों को तुरंत सुधार के निर्देश भेजे जाते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश के इस मॉडल ने अब अन्य राज्यों को भी आकर्षित किया है। दिल्ली सरकार ने सीएम डैशबोर्ड और आईजीआरएस सिस्टम का निरीक्षण करने के बाद इसे तकनीकी रूप से अत्यंत आधुनिक और प्रभावी पाया है तथा इसी मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है। त्वरित और पारदर्शी शिकायत निस्तारण के साथ-साथ विकास परियोजनाओं की निगरानी में इसकी क्षमता की दिल्ली के अधिकारियों ने विशेष सराहना की है।

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