उत्तराखंड, 7 जुलाई 2025:
उत्तराखंड में बिना मान्यता लेकिन रजिट्रेशन करा रखने वाले दलों पर निर्वाचन आयोग ने शिकंजा कसा है। ऐसे 6 दलों को चिन्हित किया गया है जो 2019 से एक भी चुनाव में शामिल नहीं हुए। यही नहीं जांच पड़ताल में इनके रजिस्टर्ड पते भी खोजे नहीं मिले। इन्हें कारण बताओ नोटिस भेजी गई है। तय समय मे इनका जवाब नहीं मिला तो इन्हें राजनैतिक दलों की लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा।
बता दें कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में 42 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से कई दल ऐसे हैं जो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों (आरयूपीपी) बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड के 6 ऐसे दलों की पहचान की गई है। आयोग की ओर से इन सभी 6 दलों को नोटिस जारी की गई है। इन सभी दलों के कार्यालय उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में रजिस्टर्ड दर्शाए गए हैं।
जांच के दौरान दर्ज पतों पर कोई पार्टी दफ्तर नहीं मिला। नोटिस में कहा गया है कि सभी 6 पार्टियां लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत आयोग में अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के रूप में रजिस्टर्ड है। इन सभी दलों ने वर्ष 2019 से वर्ष 2024 के बीच आयोग द्वारा कराए गए एक भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। इसीलिए इन पार्टियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आयोग ने नोटिस देकर कहा है कि इन पार्टी के अध्यक्ष या महासचिव अपना जवाब एक हलफनामा के रूप में जरूरी दस्तावेजों के साथ 21 जुलाई तक उपलब्ध करा दें। यदि पार्टी की ओर से तय समय सीमा में जवाब उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो ये मानकर कि पार्टी को इस मामले में कुछ नहीं कहना है, उन्हें राजनैतिक दलों की लिस्ट से हटाने की संस्तुति भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएगी।
छह साल से निष्क्रिय हैं ये दल
1. भारतीय जनक्रान्ति पार्टी – 12/17 चक्खुवाला, देहरादून
2. हमारी जनमंच पार्टी – 1/12 न्यू चक्खुवाला, देहरादून
3. मैदानी क्रान्ति दल – मस्जिद वाली गली, माजरा, देहरादून
4. प्रजा मण्डल पार्टी – बर्थवाल निवास, शीतला माता मन्दिर मार्ग, लोवर भक्तियाना श्रीनगर, पौडी गढवाल
5. राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी – 62 सिविल लाईन, रूडकी हरिद्वार
6. राष्ट्रीय जन सहाय दल -112-न्यू कनॉट प्लेस, देहरादून