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Reading: उत्तराखंड UCC लागू करने की ओर: कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट
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Uttrakhand

उत्तराखंड UCC लागू करने की ओर: कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट

mahi rajput
Last updated: October 18, 2024 8:08 am
mahi rajput 11 months ago
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देहरादून,18 अक्टूबर 2024

उत्‍तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने को लेकर नया अपडेट आया है। यूसीसी के लिए गठित कमेटी ने शुक्रवार को इसका ड्रॉफ्ट मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को सौंप दिया है। अब इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि आगामी 23 अक्‍टूबर को कैबिनेट बैठक में यूसीसी नियमावली रखा जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद उत्‍तराखंड राज्‍य स्‍थापना दिवस 9 नवंबर को यूसीसी प्रदेश भर में लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड में आजादी के बाद ऐसा कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

गौरतलब है कि यूसीसी लागू करने को लेकर बनी कमेटी की अंतिम बैठक गत सात अक्‍टूबर को हुई थी। बैठक में यूसीसी रिपोर्ट के फाइनल ड्राफ्ट पर गंभीरता से चर्चा की गई। यूसीसी में हिमालयी राज्य में विवाह, तलाक, लिव-इन, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र या वसीयत के पंजीकरण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बारीकियों पर चर्चा की गई। जनता की सुविधा के लिए इसका पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है।

शादी का रजिस्‍ट्रेशन कराना अनिवार्यउ

त्तराखंड यूसीसी में शादी को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। हालांकि, शादी की न्यूनतम उम्र के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। लड़कों के शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल ही रखी गई है। लेकिन, लड़के और लड़की की शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। एक बार शादी के बाद लड़के या लड़की को दूसरी शादी की तब तक इजाजत नहीं होगी, जब तक पहली शादी अमान्य न हो जाए। यह हिंदू, मुस्लिम समेत सभी धर्म के लोगों पर लागू होगी।

तीन तलाक हो जाएगा खत्‍म

तलाक को लेकर कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। किसी भी लड़के या लड़की को शादी के तुरंत बाद तलाक की सुविधा नहीं रहेगी। शादी की एक साल की अवधि पूरी होने के बाद ही तलाक की अर्जी दायर की जा सकेगी। मुस्लिम समाज में तीन तलाक जैसी व्यवस्था का अंत हो जाएगा। कानूनी तौर पर तलाक के लिए हिंदू और मुस्लिम सभी वर्ग को एक समान तरीके से प्रक्रिया से गुजरना होगा। पहले से शादीशुदा व्यक्ति को बिना तलाक लिए दूसरी शादी की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर कोई शादी करता है तो उसे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।

मुस्लिम महिला भी बच्‍चा गोद ले सकेंगी

उत्तराधिकार का विशेष प्रावधान यूसीसी में किया गया है। मुस्लिम महिला भी अब बच्चों को गोद ले पाएंगी। वहीं, अगर सिगल गर्ल चाइल्ड वाली लड़की की मौत शादी के बाद होती है तो उसके माता- पिता की देखरेख की जिम्मेदारी पति की होगी। इसके अलावा गोद लिए गए बच्चे को भी संपत्ति में एक समान अधिकार होगा। जैविक संतानों और कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चों में अभिभावक कोई फर्क नहीं कर पाएंगे। लड़कियों का भी पैत्रिक संपत्ति में अधिकार होगा। वहीं, बुजुर्ग माता- पिता की देखरेख को लेकर भी यूसीसी में विशेष प्रावधान किया गया है।

लिव इन में रहने वालों को देनी होगी जानकारी

लिव इन में रहने वालों को अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। लिव इन में रहने वाले जोड़ों को अपने माता- पिता से एनओसी लेना जरूरी होगा। इसके बाद नजदीकी थाने में भी इस संबंध में जानकारी देनी होगी। इस प्रकार की जानकारी नहीं देने वालों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। लिव इन जोड़े को अगर बच्चे होते हैं तो उसका भी पिता- माता की संपत्ति में पूरा अधिकार होगा। इससे लिव इन में रहने वाले जोड़े अब एक- दूसरे को धोखा नहीं दे पाएंगे।

TAGGED:#BreakingNews#India#IndiaNews#LawAndOrder#uttarpradesh2024
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