वाराणसी, 17 जून 2025:
सूतक काल के दौरान बाबा काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन और कथा वाचन को लेकर प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू विवादों में घिरे हैं। धार्मिक परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए संत समाज और विद्वानों ने उनके इस कृत्य पर तीव्र आपत्ति जताई है।
इस विवाद के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे के दौरान मोरारी बापू से मुलाकात की। उन्होंने बापू की पत्नी के निधन पर संवेदना व्यक्त की। मालूम हो कि पत्नी के निधन के तीन दिन बाद काशी पहुंचे मोरारी बापू ने बाबा विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन किए और रामकथा शुरू की।
सूतक काल में दर्शन करने और कथा वाचन को लेकर मोरारी बापू के खिलाफ काशी में विरोध शुरू हो गया। कुछ संगठनों ने प्रदर्शन के साथ पुतला दहन भी किया।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मोरारी बापू के व्यवहार की कड़ी आलोचना की।
विवाद के बाद मोरारी बापू ने अपने बयान में क्षमा याचना करते हुए कहा कि यदि मेरे आचरण से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास भी शास्त्र का आधार है और वह उसका प्रमाण दे सकते हैं। फिलहाल, काशी में इस मुद्दे पर संत समाज के भीतर मतभेद और विरोध की स्थिति बनी हुई है।