अंशुल मौर्य
वाराणसी, 30 जुलाई 2025:
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के तेलुगु विभागाध्यक्ष प्रो. सीएस रामाचंद्र मूर्ति पर हुए जानलेवा हमले से शिक्षक और छात्र आक्रोशित हैं। उन्होंने हमले के विरोध में मंगलवार को मुख्य सिंह द्वार पर धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों में गुस्सा इस कदर था कि उन्होंने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया, जिससे आवागमन बाधित हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस को हालात संभालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। एसीपी ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन मांगें न माने जाने पर बहस हो गई।
प्रो. सुशील ने कहा कि शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय में लचर व्यवस्था है। हमलावरों की गिरफ्तारी 48 घंटे में नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा। प्रो. ज्ञान प्रकाश ने कहा कि प्रो. मूर्ति के रिटायरमेंट में महज छह महीने बचे थे, लेकिन अपराधियों ने उन पर हमला कर उनका हाथ तोड़ दिया। प्रशासन खामोश है और पुलिस केवल आश्वासन दे रही है।
प्रोफेसर पर हमला 28 जुलाई की शाम उस वक्त हुआ जब वे बृज एन्क्लेव कॉलोनी स्थित अपने आवास लौट रहे थे। भोजपुरी अध्ययन केंद्र से बिड़ला रुइया चौराहे के रास्ते पर दो बाइक सवार बदमाशों ने रॉड से हमला कर दिया। इस हमले में उनके दोनों हाथों में फ्रैक्चर हो गया और शरीर पर कई गंभीर चोटें आईं। छात्रों के शोर मचाने पर हमलावर फरार हो गए। प्रो. मूर्ति को तत्काल ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
ABVP के प्रांतीय मंत्री अभय सिंह ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जानी चाहिए। वहीं, कांग्रेस नेता अजय राय ने एक्स पर तीखा हमला करते हुए कहा कि BHU को शिक्षा का मंदिर नहीं, राजनीतिक अखाड़ा बना दिया गया है। बीजेपी की दखलअंदाजी के चलते ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
एसीपी गौरव कुमार सिंह ने बताया कि लंका थाने में केस दर्ज कर हमलावरों की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।