वालोंग (अरुणाचल प्रदेश), 6 नवंबर 2025 :
साल 1962 के भारत-चीन युद्ध में अरुणाचल प्रदेश का वालोंग वो रणभूमि थी, जहां भारतीय सैनिकों ने सीमित संसाधनों के बावजूद अटूट साहस और देशभक्ति का परिचय दिया था। इसी वीरता को सलाम करने के लिए बुधवार को भारत की पूर्वी सीमा पर 63वां वालोंग डे बड़े गर्व और जोश के साथ मनाया गया। इस मौके पर भारतीय सेना ने एक शानदार आयोजन — ‘Walong Half Marathon 2025’ — किया, जिसने न सिर्फ वीर शहीदों की यादें ताजा कीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में देशभक्ति का जोश भर दिया।
जोश से भरा माहौल
सुबह की ठंडी हवाओं और पहाड़ी घाटी की खूबसूरत पृष्ठभूमि के बीच करीब 700 प्रतिभागियों ने मैराथन में हिस्सा लिया। इनमें भारतीय सेना के जवान, स्थानीय नागरिक, महिलाएं और युवा सभी शामिल थे। हर कोई देशभक्ति के रंग में डूबा नजर आया।
दौड़ को तीन कैटेगरी में बांटा गया था—
21 किमी Half Marathon
10 किमी Run
5 किमी Tribute Run
हर दौड़ का मकसद एक ही था — देश के वीर सपूतों को सम्मान देना और “Spirit of Walong” को सलाम करना।

सिर्फ दौड़ नहीं, एक संदेश भी
यह मैराथन सिर्फ शारीरिक फिटनेस या सहनशक्ति की परीक्षा नहीं थी, बल्कि इसमें unity (एकता), remembrance (स्मरण) और patriotism (देशभक्ति) का शानदार संदेश छिपा था। हर कदम के साथ प्रतिभागी यह याद दिला रहे थे कि वालोंग की मिट्टी में अब भी 1962 के उन वीर जवानों की बहादुरी की गूंज सुनाई देती है।
विजेताओं को मिला सम्मान
इवेंट के विजेताओं को पदक (medals) और 2 लाख रुपये तक के कैश प्राइज दिए गए। लेकिन असली जीत तो हर उस प्रतिभागी की थी, जिसने इस दौड़ को देश के लिए समर्पण की भावना से पूरा किया।
‘Spirit of Walong’ फिर हुआ ज़िंदा
यह आयोजन सिर्फ एक स्पोर्ट्स इवेंट नहीं था — यह भारतीय सेना और अरुणाचल प्रदेश की जनता के बीच मजबूत रिश्ते और परस्पर गर्व का प्रतीक बन गया। घाटी में दौड़ते हर कदम की आवाज़ मानो कह रही थी-“हम भूलेंगे नहीं, वालोंग के वीरों की कहानी हमेशा ज़िंदा रहेगी!”
Walong Half Marathon 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि समय बदल सकता है, लेकिन देशभक्ति की भावना आज भी उतनी ही मजबूत है जितनी 1962 में थी।






