National

पश्चिम यूपी से तमिलनाडु तक था आतंक… बावरिया गैंग सरगना 1.25 लाख के इनामी का ऐसे हुआ अंत

शामली जनपद में एक मुठभेड़ के दौरान कुख्यात सरगना मिथुन ढेर, एसओजी का हेड कांस्टेबल घायल, मौके से कारबाइन और विदेशी पिस्टल बरामद

लखनऊ, 2 दिसंबर 2025:

यूपी पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसने के अपने अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। शामली जिले के वेदखेड़ी-मंसूरा मार्ग पर सोमवार रात एक मुठभेड़ में बावरिया गिरोह का कुख्यात सरगना मिथुन ढेर हो गया। उस पर कुल 1.25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुठभेड़ के दौरान उसका साथी राहुल फरार होने में कामयाब रहा। इस दौरान एसओजी का एक हेड कांस्टेबल घायल हो गया।

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार रात पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह किसी बड़ी वारदात की तैयारी में है। सूचना के आधार पर एसओजी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी की। संदिग्ध कार की जांच के दौरान अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ छिड़ गई। करीब आधे घंटे तक चली गोलीबारी में मिथुन को मार गिराया गया।

मुठभेड़ में एसओजी के हेड कांस्टेबल हरविंदर गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया। वहीं, झिंझाना थाना प्रभारी वीरेंद्र कसाना की जैकेट में गोली लगी लेकिन वे सुरक्षित बच गए। घटनास्थल से एक कारबाइन और मेड इन इटली पिस्टल बरामद हुई है, जिनका उपयोग हाल की कई वारदातों में किए जाने की आशंका है।

शामली के एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक मिथुन कई वर्षों से पश्चिम यूपी और उत्तर भारत के कई राज्यों में सक्रिय था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, हथियारों की तस्करी और गैंगवार जैसे 20 से अधिक संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज थे। वह कांवड़ यात्रा के दौरान बागपत जिले में एक महिला से लूट की घटना में भी शामिल रहा था, जिसके बाद से उसकी तलाश तेज कर दी गई थी। उस पर शामली पुलिस की ओर से 1 लाख और बागपत पुलिस की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

जांच में यह भी सामने आया है कि वारदात के बाद मिथुन पंजाब, दक्षिण दिल्ली, जयपुर और अन्य राज्यों में छिपता रहा और विभिन्न शहरों में सुरक्षित ठिकाने बनाकर अपनी गतिविधियां जारी रखता था। उसके गिरोह की तमिलनाडु में भी कई बड़ी लूट की घटनाओं में संलिप्तता पाई गई है। वर्ष 2017 में झिंझाना में हुए चर्चित भारत कुमार हत्याकांड में भी उसका सीधा हाथ था।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मिथुन अपने गिरोह को कई राज्यों में फैलाकर एक बड़े आपराधिक नेटवर्क की स्थापना करने की कोशिश में था। उसकी मौत को पुलिस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button