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क्या है पारसियों की दोखमेनाशिनी परंपरा? जिसके इतर होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार.

10 अक्टूबर,2024

टाटा समूह के चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार (9 अक्टूबर 2024) देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात करीब 11:30 बजे उनका निधन हुआ. वह पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. रतन टाटा का पार्थिव शरीर दोपहर 3:30 बजे अंतिम संस्कार के लिए अपनी यात्रा पर निकलेगा.

NCPA में रखा गया है पार्थिव शरीररतन टाटा के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को नरीमन प्वाइंट स्थित राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (NCPA) में रखा गया है. भारी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. दोपहर साढ़े तीन बजे तक लोग उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन कर सकेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. शाम 4 बजे मुंबई के वर्ली इलाके में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.कैसे होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार?सबसे पहले रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली के पारसी शमशान घाट में ले जाया जाएगा. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को प्रेयर हॉल में रखा जाएगा. करीब 45 मिनट तक प्रेयर होगा. प्रार्थना हॉल में पारसी रीति से ‘गेह-सारनू’ पढ़ा जाएगा. रतन टाटा के पार्थिव शरीर (मुंह पर) एक कपड़े का टुकड़ा रख कर ‘अहनावेति’ का पहला पूरा अध्याय पढ़ा जाएगा.

ये शांति प्रार्थना की एक प्रक्रिया है. प्रेयर हॉल में करीब 200 लोग मौजूद रह सकते हैं. यह प्रक्रिया पूरा होने के बाद पार्थिव शरीर को इलेक्ट्रिक अग्निदाह में रखा जाएगा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.महाराष्ट्र में एक दिन का राजकीय शोकरतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान राज्य में सरकारी कार्यालयों में तिरंगा आधा झुका रहेगा. महाराष्ट्र में आज कोई भी मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे.

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