लखनऊ, 3 दिसंबर 2025 :
हिन्दू धर्म में पूजे जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक, हनुमान जी को बजरंग बली, संकटमोचन, पवनपुत्र और मारुति जैसे कई नामों से जाना जाता है। उन्हें भगवान राम का परम भक्त माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों पर हनुमान जी की विशेष कृपा होती है, उन्हें किसी भी तरह का डर, नकारात्मक ऊर्जा और असफलता का सामना नहीं करना पड़ता है।
यह जानना दिलचस्प है कि हनुमान जयंती का पर्व साल में एक नहीं, बल्कि चार बार मनाया जाता है, क्योंकि अलग-अलग क्षेत्रों में इसकी तिथियां अलग हैं। उत्तर भारत में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को। तमिलनाडु में (हनुमथ जयन्ती) मार्गशीर्ष अमावस्या (इस साल 19 दिसंबर, 2025) को। और कन्नड़ (कर्नाटक) में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है।
इसीलिए इस साल, कन्नड़ हनुमान जयंती 3 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 दिसंबर 2025 को दोपहर 3 बजकर 57 मिनट पर शुरू हुई और 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए इस दिन पूजा का खास महत्व सूर्योदय के समय होता है। सुबह 06:58 मिनट से शुभ मुहूर्त प्रारंभ है।
पूजा विधि क्या है?
हनुमान जयंती पर मारुति जी की उपासना से विशेष लाभ मिलता है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के साफ कपड़े पहनें।
घर के बाहर रंगोली बनाएं और मंदिर की सफाई करें। पूजा घर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। देसी घी का दीपक जलाएं। हनुमान जी को सिंदूर, अक्षत (चावल), फूलों की माला, मिठाई और फल चढ़ाएं। हनुमान चालीसा और हनुमान जयंती की कथा जरूर पढ़ें। अंत में, आरती करके पूजा का समापन करें।
आप पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं: ॐ हं हनुमते नम:।
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा। इस खास दिन पर हनुमान जी की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन के सभी संकटों को दूर करें।






