Uttar Pradesh

क्या गीता प्रेस तोड़ेगा अपनी परंपरा? अदाणी ग्रुप के प्रस्ताव पर मंथन जारी

हरेन्द्र दुबे

गोरखपुर,31दिसम्बर 2024:

गीता प्रेस, जो अपनी विशिष्ट परंपराओं और सिद्धांतों के लिए जाना जाता है, इस समय एक असमंजस में है। प्रयागराज कुंभ मेले 2025 के लिए अदाणी ग्रुप ने गीता प्रेस की लोकप्रिय ‘आरती संग्रह’ पुस्तक की एक करोड़ प्रतियां छपवाने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, ग्रुप ने इन पुस्तकों के पिछले पृष्ठ पर गौतम अदाणी का संदेश और उनकी फोटो प्रकाशित करने की इच्छा जताई है, जो गीता प्रेस की परंपराओं के विपरीत है।

गीता प्रेस ने महात्मा गांधी के सुझाव पर यह परंपरा शुरू की थी कि उसकी पुस्तकों में न तो विज्ञापन होंगे और न ही किसी व्यक्ति का संदेश या फोटो प्रकाशित किया जाएगा। ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि यह सिद्धांत गीता प्रेस की पहचान का हिस्सा है।

इस प्रस्ताव को लेकर एक और चुनौती है—एक करोड़ प्रतियों की छपाई। गीता प्रेस हर साल लगभग तीन करोड़ धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित करता है। इतने बड़े ऑर्डर को पूरा करने के लिए उसे अपने नियमित प्रकाशन रोकने पड़ेंगे, जिससे अन्य कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

प्रेस ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में विस्तार के लिए 20 एकड़ जमीन की मांग की है और सरकार से चैरिटी दर पर इसे उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। वहीं, कुंभ मेले के लिए गीता प्रेस चार स्थानों पर स्टॉल लगाने और विशेष पर्यावरण अंक प्रकाशित करने की भी तैयारी कर रहा है।

प्रबंधन अब इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है कि क्या सीमित मात्रा में इस कार्य को पूरा करना संभव होगा। अदाणी ग्रुप का प्रस्ताव सिर्फ व्यावसायिक नहीं, बल्कि नैतिक और परंपरागत मुद्दों से भी जुड़ा हुआ है। गीता प्रेस जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लेगा।

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