लखनऊ, 3 जनवरी 2025:
योगी सरकार ने यूपी के बुंदेलखंड के विकास को एक नई दिशा देने की पहल की है। झांसी और जालौन को जोड़ने वाले 115 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे की सौगात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को आगे बढ़ाते हुए बुंदेलखंड को औद्योगिक और आर्थिक हब में बदलने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
तीन एक्सप्रेसवे से औद्योगिक इको सिस्टम में आएगा बदलाव
झांसी-जालौन लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के साथ मिलकर क्षेत्र का औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य बदल देगा। डिफेंस कॉरिडोर, बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा), और फार्मा पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाएंगे। झांसी में 36,000 एकड़ में प्रस्तावित उत्तर भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर भी इस पहल का हिस्सा है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को नया आयाम मिलेगा।
चित्रकूट और ललितपुर को मिलेगा फायदा
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के जुड़ने से न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि डिफेंस कॉरिडोर की इकाइयों को भी फायदा होगा। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चित्रकूट, जहां भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान सर्वाधिक समय बिताया, अब बेहतर सड़क और हवाई संपर्क से श्रद्धालुओं के लिए और भी सुलभ हो जाएगा। वहीं, ललितपुर में 1500 एकड़ में बन रहे फार्मा पार्क को मजबूत कनेक्टिविटी औद्योगिक माहौल को बढ़ावा देगी।
झांसी-जालौन एक्सप्रेसवे: भविष्य के लिए तैयार
करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे प्रारंभ में चार लेन का होगा, जिसे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है, और सरकार ने इसके लिए 220 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं।
बुंदेलखंड: पानी, बिजली और रोजगार में आत्मनिर्भरता की ओर
पिछड़ेपन और पलायन की समस्या से जूझ रहे बुंदेलखंड में पानी की कमी को दूर करने के लिए योगी सरकार ने अर्जुन सहायक नहर परियोजना समेत कई जल योजनाओं को पूरा किया। इसके साथ ही केन-बेतवा लिंक परियोजना आने वाले समय में क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। सोलर एनर्जी के क्षेत्र में बांदा और झांसी में शुरू हुए प्रोजेक्ट भी बिजली और रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं।
योगी सरकार का बुंदेलखंड मॉडल
पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास को प्राथमिकता देने वाली योगी सरकार की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति ने इन क्षेत्रों में नई उम्मीदें जगाई हैं। कृषि, उद्योग, ऊर्जा, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में किए जा रहे ये प्रयास क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर बदलने की दिशा में मजबूत कदम हैं।
बुंदेलखंड का कायाकल्प, सुदृढ़ कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास के जरिए उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बन रहा है।