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अडानी ने बताया मिडिल ईस्ट युद्ध से ऊर्जा संकट का खतरा, अमेरिकी आरोपों पर दी सफाई

अहमदाबाद, 24 जून 2025:

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने मंगलवार को हुई अडानी एंटरप्राइजेज की सालाना आम बैठक (AGM) में वैश्विक संकट, ग्रुप की तरक्की और विवादों पर खुलकर बात की। उन्होंने मिडिल ईस्ट में चल रही जंग को वैश्विक ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स के लिए बड़ा खतरा बताया। साथ ही, अमेरिका की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार और नियम उल्लंघन के आरोपों पर भी स्पष्ट जवाब दिया।

अडानी ने कहा कि मिडिल ईस्ट युद्ध की वजह से तेल और गैस की आपूर्ति और कीमतों में अस्थिरता देखी जा रही है। इससे यूरोप में आर्थिक विश्वास डगमगाया है और अमेरिका भी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। इसके उलट भारत मजबूती से आगे बढ़ रहा है, जिसे अडानी ने ग्रुप की रणनीतिक सोच से जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति ने हमें वैश्विक अस्थिरता में भी बड़े सपने देखने की ताकत दी है।

AGM में अडानी ने अडानी ग्रीन एनर्जी पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय और FCC से जुड़े आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “हमारे किसी भी अधिकारी को FCPA (Foreign Corrupt Practices Act) तोड़ने या न्याय में बाधा डालने का दोषी नहीं पाया गया है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्रुप नियमों का पालन करता है और पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अडानी ने कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिससे ग्रुप की साख और मार्केट वैल्यू को नुकसान पहुंचाया गया। लेकिन समूह ने 40,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटाकर दो वर्षों का कर्ज पहले ही चुकाने का इंतजाम कर लिया।

उन्होंने मुंबई के धारावी स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को दुनिया का सबसे बड़ा पुनर्विकास कार्य बताया, जिससे 10 लाख लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा। साथ ही, तीन कंपनियों – अंबुजा, ACC और APSEZ – को मिली AAA रेटिंग को ग्रुप की वित्तीय मजबूती की मिसाल बताया। अडानी ने कहा, “हम हर संकट को अवसर में बदलना जानते हैं।”

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