
तेल अवीव, 12 जून 2025
मध्य पूर्व में एक बार फिर युद्ध के बादल मंडराते दिख रहे हैं। अमेरिका और ईरान के बीच रविवार को ओमान में होने वाली सीधी बातचीत से पहले तनाव चरम पर है और संकेत मिल रहे हैं कि इजराइल ईरान पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर चुका है।
पहला संकेत अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा है। अमेरिका ने इराक समेत मध्य पूर्व के संवेदनशील इलाकों से अपने कूटनीतिक कर्मचारियों और सैन्य परिवारों को हटाने के निर्देश दिए हैं। यह दर्शाता है कि वॉशिंगटन को गंभीर खतरे की आशंका है।
दूसरा संकेत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आया है। ट्रंप ने ईरान से बातचीत को लेकर अपना भरोसा खोने की बात कही है और चेताया है कि अगर डील नहीं हुई, तो सैन्य विकल्प मौजूद रहेगा।
तीसरा संकेत अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की ओर से दी गई चेतावनी है, जिसमें कहा गया है कि इजराइल बिना अमेरिका को बताए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है। इससे पश्चिम एशिया में व्यापक युद्ध छिड़ सकता है।
चौथा संकेत ईरान की सोशल मीडिया पोस्ट से मिला है। ईरान सरकार ने प्लेटफॉर्म X पर “We are Ready” लिखकर सीधी चुनौती दी है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह भी किसी भी संभावित हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।
पांचवां संकेत इजराइल की सैन्य तैयारियों से जुड़ा है। एयरफोर्स यूनिट्स हाई अलर्ट पर हैं और मिसाइल सिस्टम्स की तैनाती बढ़ा दी गई है।
छठा और अंतिम संकेत अमेरिका की चुप्पी है। हालांकि अमेरिका ने खुलकर इजराइल को समर्थन नहीं दिया है, लेकिन उसके सभी कदम इस ओर इशारा करते हैं कि वह किसी भी टकराव के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
अब सबकी निगाहें रविवार की बातचीत पर टिकी हैं। अगर वार्ता सफल नहीं होती, तो मिडिल ईस्ट एक और विनाशकारी युद्ध की चपेट में आ सकता है।