प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी, पालघर में वीर सावरकर का मुद्दा उठाया

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पालघर, महाराष्ट्र 31अगस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में आयोजित एक जनसभा के दौरान सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर गहरा खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगी। उन्होंने कहा, “शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं, वह हमारे अराध्य देव हैं। सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर वीर सावरकर के अपमान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, “हमारे संस्कार अलग हैं। हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें। उनका अपमान करते रहें। देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते रहें और उसके बावजूद माफ़ी मांगने को तैयार न हों। ऐसे महान सपूतों का अपमान करने के बाद जिन्हें पश्चाताप न हो, उनके संस्कार महाराष्ट्र की जनता जान लें।”
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी और 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के पास विकास के लिए सामर्थ्य भी है और जरूरी संसाधन भी हैं। यहां समुद्र के तट भी हैं और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास भी है। इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र और देश को मिले, इसके लिए आज वधावन बंदरगाह की नींव रखी गई है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “यह बंदरगाह देश का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह होगा और दुनिया के सबसे गहरे बंदरगाहों में से एक होगा। हमारी सरकार ने हाल ही में दिघी बंदरगाह औद्योगिक क्षेत्र के विकास को भी मंजूरी दी है, जिससे महाराष्ट्र के लोगों को दोहरी खुशखबरी मिली है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भी प्रतीक बनेगा।”

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