
तेहरान, 13 जून 2025:
तेहरान में 13 जून की रात उस वक्त भयावह हो गई जब इज़राइल ने ईरान पर पहला सैन्य हमला किया। उस समय तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे करीब 140 भारतीय छात्र वहां मौजूद थे। इन छात्रों ने उस रात की दहशतभरी कहानी साझा की है।
छात्रों ने बताया कि रात करीब 3:20 बजे अचानक एक तेज़ धमाका हुआ। जैसे ही वे खिड़की की ओर भागे, उन्हें आसमान में काला धुआं दिखाई दिया और तुरंत कई और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। हालात इतने खराब हो गए कि हर मिनट डर और घबराहट बढ़ती जा रही थी। छात्रों ने बताया कि आसमान ड्रोन से भर गया था और उनके हॉस्टल के आसपास लगातार धमाके हो रहे थे।
एक छात्र ने बताया कि 2-3 घंटे तक लड़ाकू विमानों की तेज़ आवाजें गूंजती रहीं। बिजली काट दी गई थी और पूरे क्षेत्र में ब्लैकआउट कर दिया गया था। छात्र अपने बेड के नीचे छिपकर बैठे थे। इस बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सक्रियता दिखाई। वाइस डीन और बाद में डीन खुद छात्रों के पास पहुंचे और उन्हें शांत रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी।
छात्रों ने कहा कि वे अब एक और रात वहां गुजारने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से तुरंत निकासी की मांग की है। भारतीय दूतावास ने भी हेल्पलाइन नंबर और टेलीग्राम चैनल के जरिए छात्रों से संपर्क बनाए रखा है और सहायता का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि इज़राइल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया था, जिसके जवाब में ईरान ने भी हमला किया। दोनों देशों के बीच स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और इसी बीच ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।