वाराणसी, 22 अगस्त
वाराणसी। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में देशभर के डॉक्टरों का गुस्सा उफान पर है। लेडी डॉक्टर के साथ दरिंदगी के विरोध में बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल 10वें दिन भी जारी हैं। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ओपीडी, इमरजेंसी ही नहीं वार्डों में भी रेजिडेंट डॉक्टर नजर नहीं आए। इमरजेंसी के बाहर गेट पर दूर दराज से आने वाले मरीजों को उनके परिजन स्ट्रेचर पर लेकर डॉक्टर को दिखाने के लिए खड़े रहे।
हड़ताल का असर ऐसा है कि अस्पताल में कोई सीटी स्कैन के बाहर पेड़ के नीचे मरीजों को लेकर पड़ा रहा तो कोई ओपीडी में व्हीलचेयर व स्ट्रेचर पर मरीज को लिटाकर डॉक्टर को दिखाने का इंतजार करता रहा। ओपीडी गेट के पास एक मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर परिजन पड़े रहे। उसको ऑक्सीजन लगा था। परिजन पर्चा जमा कर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। कुछ विभागों में एक ही कंसल्टेंट बैठे रहे, इस वजह से मरीजों को देर तक इंतजार करना पड़ा। कुछ परिजन तो हार मानकर स्थिति यह है कि कुछ मरीज अपने मरीज को वापस किसी दूसरे अस्पताल लेकर चले जा रहे।
2542 बेड वाले अस्पताल के वार्डों में अब सिर्फ 66 मरीज भर्ती हैं, जबकि सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसर की ओपीडी में 2395 लोगों को परामर्श मिला। आम दिनों में करीब छह से सात हजार मरीज ओपीडी में आते हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार 34 मरीजों का ऑपरेशन भी किया गया। बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेजीडेंटो ने बीती शाम में कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान रेजीडेंट आईएमएस से कुलपति आवास तक पहुंचे। रेजीडेंट कुलपति से मिलने की मांग कर रहे थे। हालांकि वह नहीं मिले। रेजीडेंटों ने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा।