
भोपाल,28 अक्टूबर 2024
भोपाल में प्रॉपर्टी खरीदना महंगा होने वाला है। दिवाली के बाद कलेक्टर गाइडलाइन में 4 से 20% तक की बढ़ोतरी की तैयारी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर यह वृद्धि वित्तीय वर्ष में दूसरी बार की जा रही है, जिससे घर खरीदारों को झटका लग सकता है।
सरकार का तर्क है कि कई इलाकों में कलेक्टर गाइडलाइन से कहीं ज्यादा कीमत पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो रही है। इससे सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है। इस कमी को पूरा करने और राजस्व बढ़ाने के लिए कलेक्टर गाइडलाइन में संशोधन किया जा रहा है।
गाइडलाइन में बढ़ोतरी का फैसला नया नहीं है। इससे पहले 1 अप्रैल 2024 को भी कलेक्टर गाइडलाइन में बदलाव किया गया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब एक ही वित्तीय वर्ष में दूसरी बार यह कदम उठाया जा रहा है। इससे घर खरीदारों पर और बोझ बढ़ सकता है।
राज्य सरकार के इस फैसले से घर खरीदारों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। बढ़ती महंगाई के बीच प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं। कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ोतरी से आम आदमी का घर का सपना और भी दूर होता नजर आ रहा है।
भोपाल में सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के सामने पंजीयन विभाग अपना प्रस्ताव पेश करेगा। इसके बाद जमीनों के रेट रिवाइज किए जाएंगे, और नई दरें दिवाली के बाद लागू होने की उम्मीद है। स
रकार का तर्क है कि कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ाने से खजाने में वृद्धि होगी, जिससे उसे सालाना 100 से 150 करोड़ रुपये का फायदा होगा। एआई का उपयोग कर उन लोकेशन की पहचान की जाएगी, जहां गाइडलाइन से अधिक रेट पर रजिस्ट्री हुई हैं।
प्रॉपर्टी के दाम उन जगहों पर बढ़ेंगे जहां:
1. गाइडलाइन में तय दर से अधिक रजिस्ट्री कराई गई है।
2. नए प्रोजेक्ट के आसपास प्रॉपर्टी की बिक्री बढ़ी है।
3. बिजली, पानी, और ट्रांसपोर्टेशन के नए रूट्स बने हैं।
4. मेट्रो और नई फोर और सिक्सलेन बन रही हैं, जिससे निवेश बढ़ा है।
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि मध्य प्रदेश में स्टांप ड्यूटी 9.5% और रजिस्ट्रेशन चार्ज 3% होने से प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो रहा है। महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी में 2% की छूट मिलती है, फिर भी कलेक्टर गाइडलाइन में साल में दो बार बढ़ोतरी से आम लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना और कठिन हो जाएगा।