मुंबई,28 अक्टूबर 2024
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान कानिफनाथ मंदिर की 40 एकड़ जमीन पर विवाद उभरा है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह जमीन अहमदनगर की एक दरगाह से संबंधित है और इसे 2005 में वक्फ एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया था। दूसरी ओर, कानिफनाथ मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास ब्रिटिश काल से पहले के ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जो इस जमीन पर उनके स्वामित्व को साबित करते हैं। इस विवाद के और बढ़ने की संभावना है।
कानिफनाथ मंदिर की जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे का मुद्दा तब सामने आया जब वहां एक बोर्ड लगाया गया, जिसमें इसे वक्फ की जमीन बताया गया। मंदिर ट्रस्टी श्रीहरि अंबेकर ने आरोप लगाया कि 2005 में वक्फ एक्ट का गलत इस्तेमाल कर स्थानीय लोगों ने इसे वक्फ के नाम करवा लिया।ट्रस्ट का दावा है कि उनके पास पूर्व-ब्रिटिश काल के दस्तावेज हैं, जो उनके स्वामित्व को साबित करते हैं, और इसे जिला न्यायालय ने भी माना है।
विवाद तब बढ़ा जब 2005 में वक्फ एक्ट के कथित उल्लंघन से मंदिर की जमीन को वक्फ बोर्ड के नाम पंजीकृत किया गया। ट्रस्टी श्रीहरि अंबेकर के अनुसार, उन्हें इस पंजीकरण की सूचना नहीं दी गई, जिससे तनाव बढ़ गया। मामला और गंभीर तब हुआ जब मंदिर को ध्वस्त करने के प्रयास किए गए, जिसे रोकने के लिए कोर्ट ने अब संरचना में बदलाव पर रोक लगा दी है। यह घटना विजयपुरा में वक्फ बोर्ड द्वारा 1,200 एकड़ जमीन के दावे के एक दिन बाद सामने आई है।