8वें राष्ट्रीय जल सप्ताह- 2024 के उद्घाटन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन

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नयी दिल्ली, 17 सितंबर 2024

राष्ट्रपति सुश्री द्रौपदी मुर्मू ने यहां आठवें भारत जल सप्ताह शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जल संरक्षण के सभी हित धारकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है इसलिए सब प्राणियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण को आंदोलन बनाने की जरूरत है।

द्रौपदी मुर्मू ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए मंगलवार को कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद मोती के समान मूल्यवान है और इसका सोच-समझकर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।


साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘हमें पौधारोपण कर भूजल स्तर को बढ़ाना चाहिए। हर मां के नाम पर लगाया गया हर पेड़ उसकी विरासत के लिए सम्मान होगा।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘बूंद-बूंद से सागर बनता है, इसलिए पानी बचाना हर किसी की जिम्मेदारी है।’’
टिकाऊ भविष्य के लिए जल प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता
जल जीवन मिशन के जरिए सरकार के किए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि खासकर 2021 से महत्वपूर्ण बदलाव लाए गए हैं, जब स्थानीय स्तर पर पानी की कमी को दूर करने के लिए अभियान शुरू हुए।
वैश्विक स्तर पर स्वच्छ जल की सीमित उपलब्धता का जिक्र किया। विश्व का केवल 2.5 प्रतिशत पानी ही स्वच्छ है तथा केवल एक प्रतिशत ही मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है। यह कठोर वास्तविकता जागरूकता और संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।


‘‘जल को लेकर जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि संरक्षण को लेकर सभी को, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों को जागरूक बनाया जाए।’’ जल प्रबंधन और सामुदायिक विकास में महिलाओं की भूमिका सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
वही मुर्मू ने सामूहिक रूप से कदम उठाने की आवश्यकता के बारे में कहा, ‘‘जल संरक्षण अकेले प्रयास करने से नहीं हो सकता। इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित करने के प्रयास में प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन में होने वाली चर्चाएं सभी प्रतिभागियों को जल संरक्षण की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

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