आगरा,27 नवंबर 2024
आगरा में मेट्रो रेल की खुदाई के चलते मोती कटरा गली में रहने वाले सैकड़ों परिवारों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएल) की आवाज से घरों में कंपन होने लगता है, जिससे दीवारें दरकने लगती हैं, फर्श झुक जाता है, और छतें जगह से खिसक जाती हैं। कई मकान तो इतने झुक गए हैं कि वे एक-दूसरे के साथ सट गए हैं। सोनम अग्रवाल, जो दो मंजिला मकान में अपने परिवार के साथ रहती हैं, बताती हैं कि 30 सितंबर को मेट्रो अधिकारियों ने उनके घर को खाली करने के लिए कहा।
मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर को उन्हें घर में लौटने के लिए कहा गया, लेकिन अब फिर से दीवारों में दरारें और फर्श की असमानता हो गई है। इसी तरह, संतोष वर्मा और अन्य परिवारों को भी मौत के डर में जीने को मजबूर होना पड़ा है, जहां उनके मकानों को बचाने के लिए जैक लगाए गए हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मेट्रो अधिकारियों ने खुदाई से पहले क्षेत्र का कोई सर्वे नहीं कराया था, और अब जब मकानों में नुकसान हो रहा है, तो वे ग्राउटिंग और मिट्टी के नमूने ले रहे हैं। रवि अग्रवाल का कहना है कि यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने पहले इलाके का सर्वे नहीं किया, और अब सिर्फ मुआवजे के तौर पर प्रति व्यक्ति 500 रुपये दे रहे हैं। सुधीर वर्मा, जिनके मकान की छत लकड़ी से बनी है, बताते हैं कि टनल मशीन के चलते उनके घर में कंपन होता है।
वे और उनके परिवार रात में डर के साए में जी रहे हैं, क्योंकि मेट्रो का काम अब उनके घर के पास हो रहा है। स्थानीय लोग यह मांग कर रहे हैं कि उनके मकानों की मरम्मत कराई जाए या उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।