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मिर्जापुर : मॉक ड्रिल कर परखी मां विन्ध्यवासिनी धाम की सुरक्षा व्यवस्था

संतोष देव गिरि

मिर्ज़ापुर 28 दिसंबर 2024:

यूपी के प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ 2025 के दृष्टिगत विख्यात देवी धाम विंध्याचल में भी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। खासकर सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत तैयारियों को परखने के लिए मां विंध्यवासिनी धाम में मॉक ड्रिल का आयोजन किया।

एडीएम वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि मॉक ड्रिल को महाकुंभ-2025 के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार कराया गया है। इसे पूर्व विंध्याचल मंदिर परिसर में अनाउंसमेंट करवाया गया कि इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। इसको सिर्फ प्रशासनिक तैयारी की परख के लिए किया।

नदी में डूबते लोगों को बचाने दौड़ी टीम

मॉक ड्रिल में लोगों के डूबने, अग्निकांड और भगदड़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य को परखा गया। सर्वप्रथम पक्का घाट विंध्याचल पर यह दर्शाया गया कि कुछ लोग नदी में नहाने के दौरान डूब रहे हैं। उन लोगों का राज्य आपदा मोचक बल की टुकड़ी द्वारा बचाव किया गया।
इसके बाद मंदिर में दिया जलाये जाने वाले स्थान पर आग लग जाने के कारण भगदड़ होने की ड्रिल के दौरान विभिन्न विभागों ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

इस मॉक अभ्यास में सिटी मजिस्ट्रेट लाल बहादुर, सीओ सिटी विवेक जावला व उनकी टीम, फायर सेफ्टी ऑफिसर अनिल प्रताप सरोज एवं अग्निशमन विभाग की टीम, एसडीआरएफ टीम प्रभारी अनुपम कुमार एवं उनकी टीम, चिकित्सा, विद्युत, राज्य निर्माण निगम की टीम, एसओ विंध्याचल अमित कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ अंकुर गुप्ता व अन्य अधिकारी गण मौजूद थे।

कौतूहल में पड़ गए थे दर्शनार्थी

मॉक ड्रिल के दौरान भक्त अचानक से पुलिस की इस कार्रवाई, भागदौड़, तत्परता को देख ये समझने लगे कि कोई हादसा तो नहीं न हो गया है? कुछ गंगा घाट की तरफ चल पड़े थे तो कुछ स्थानीय लोगों से पूछताछ करने लगे। जब उन्हें यह बता चला है कि महाकुंभ मेला के दृष्टिगत मिर्ज़ापुर पुलिस और प्रशासन की यह संयुक्त ‘मॉक ड्रिल’ है, तब राहत की सांस ली है।

काशी और प्रयागराज के बीच स्थित विंध्याचल का है धार्मिक महत्व

वाराणसी और प्रयागराज के बीच स्थित विंध्याचल का अपना धार्मिक महत्व है। यही कारण है कि काशी और प्रयागराज आने वाले तीर्थयात्री विंध्याचल देवी धाम आना नहीं भूलते हैं। अयोध्या और काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी की भांति विंध्याचल देवी धाम को भी विंध्य कारिडोर के जरिए संवारा जा रहा है। सकरी तंग गलियों के स्थान पर चौड़ी साफ सुथरी गलियों के साथ ही मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग चौड़े किए जाने के साथ यहां की तस्वीर पूरी तरह से बदल उठी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट वाले विंध्य कारिडोर से विंध्याचल देवी धाम का पूरा नक्शा ही बदल कर इसे पहले से कहीं ज्यादा दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर दिया गया है।

महाकुंभ के दौरान बढ़ जाएगी भक्तों की भीड़

वैसे तो वर्ष के दोनों नवरात्रों में विंध्याचल देवी धाम में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है, लेकिन इस बार जनवरी से प्रयागराज में संगम तट पर शुरू हो रहे महाकुंभ 2025 को देखते हुए लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ने के साथ उनकी सुरक्षा को देखते हुए तगड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।

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