
लखनऊ,21 मार्च 2025
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महिला की हत्या के मामले ने पुलिस के दावों की पोल खोल दी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़िता ने पहले ही पुलिस को जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति पर भी सवाल उठाए हैं।
दरअसल, 34 वर्षीय अयोध्या निवासी महिला रविवार को वाराणसी में एक फाइनेंस कंपनी में इंटरव्यू के लिए गई थी। वहां से वह सीधे लखनऊ आ रही थी। मंगलवार देर रात महिला आलमबाग बस अड्डे पहुंची और चिनहट-कमता जाने के लिए ऑटो बुक किया। परिजनों के मुताबिक, महिला ने फोन पर आधे घंटे में घर पहुंचने की बात कही थी। देर रात घर ना पहुंचने पर जब परिवार ने फोन किया, तो महिला ने किसी दूसरे रास्ते से ऑटो लेने की बात कही और भाई को लाइव लोकेशन भेज दी। लोकेशन मलिहाबाद दिखाई देने पर भाई ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
बुधवार सुबह तड़के महिला का शव मलिहाबाद के मोहम्मद नगर में आम के बाग में पड़ा मिला। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कार्रवाई करते हुए 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में प्रभारी निरीक्षक आलमबाग, चौकी प्रभारी आलमबाग बस स्टैंड, रात्रि अधिकारी आलमबाग, बस स्टैंड ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मी, पीआरवी कमांडर और एक कांस्टेबल शामिल हैं।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मामले का जल्द खुलासा करने के लिए क्राइम ब्रांच समेत विभिन्न टीमें काम कर रही हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि पुलिस मामले को छिपा रही है। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि महिला के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। सपा मुखिया ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़िता के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।
 
				 
					





