
रायपुर, 22 मार्च 2025
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, कुछ कंपनियों और ओटीटी प्लेटफॉर्म के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन करने की याचिका स्वीकार कर ली है। यह याचिका मोहम्मद फैजान खान द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि शाहरुख खान फेयरनेस क्रीम और पान मसाला जैसे उत्पादों का विज्ञापन कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। व्यवहार न्यायाधीश प्रीति कुजूर की अदालत में 11 मार्च को फैजान खान द्वारा अपने अधिवक्ता विराट वर्मा के जरिए आवेदन लगाया है। इसमें बताया गया है कि शाहरुख खान भ्रामक विज्ञापन कर आम जनता को गुमराह कर रहे हैं। उनके द्वारा विमल पान मसाला, फेयर एंड हैंडसम और रमी के विज्ञापन कर रहे हैं। यह मामला भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ा एक कानूनी विवाद है। मिसलीडिंग एक्ट के इस तरह के विज्ञापनों को करने से आम जनता पर प्रभाव पड़ता है।
इन विज्ञापनों के जरिए देश के युवाओं और बच्चों को गलत दिशा में ले जाया जा रहा है, जिससे कैंसर और गरीबी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। उनका दावा है कि इन कंपनियों द्वारा प्रसारित विज्ञापन न केवल भ्रामक हैं, बल्कि समाज पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। इन विज्ञापनों को कैंसर जैसी घातक बीमारियों और सामाजिक बुराइयों को बढ़ावा देने का जिम्मेदार ठहराया गया है। इसे लेकर लगाए गए आवेदन पर कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए 29 मार्च को उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
मामले में इनको नोटिस :
फिल्म स्टार शाहरुख खान, गूगल इंडिया (यूट्यूब इंडिया), अमेजन इंडिया (प्राइम वीडियो), नेटफ्लिक्स इंडिया, मैसर्स इमामी लिमिटेड (फेयर एंड हैंडसम), आईटीसी लिमिटेड (विमल पान मसाला), और हेड डिजिटल वर्क्स (ए23 रमी) को नोटिस जारी किया गया है।
विज्ञापन में रोक की मांग :
आवेदनकर्ता फैजान खान के अधिवक्ता विराट वर्मा की दलीलों के बाद सिविल केस नंबर 99/2025 दर्ज किया गया। कोर्ट ने इस मामले में मानहानि, उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन, और बौद्धिक संपत्ति से जुड़े आरोपों को शामिल किया है। बता दे की कथित रूप से शाहरुख खान को धमकी देने के बाद फैजान खान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि पूछताछ के दौरान मुंबई पुलिस को फैजान ने बताया था कि उनका मोबाइल चोरी हो गया था लेकिन वह पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं कर पाए थे इसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था।