तिरुवनन्तपुरम, 02 सितम्बर
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हो रहे यौन उत्पीड़न के मामले पर हेमा कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद हंगामा मच गया है। लगातार बयानबाजी और इस्तीफों की लहर देखी जा रही है। इस मामले पर अब सुपरस्टार मामूटी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस को स्वतंत्र रूप से जांच करने दी जाए और अदालत को यह निर्णय लेने दिया जाए कि दोषियों को क्या सजा मिलनी चाहिए।
मामूटी ने इंडस्ट्री में किसी पावरहाउस ग्रुप की उपस्थिति को नकारा है। हेमा कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि मलयालम सिनेमा में एक पावरहाउस ग्रुप है, जिसमें सभी बड़े नाम शामिल हैं और वे तय करते हैं कि किस एक्ट्रेस को काम मिलेगा। मामूटी ने अपने बयान में कहा कि वे हेमा कमिटी की रिपोर्ट में दिए गए सुझावों और समाधानों का समर्थन करते हैं और अब समय आ गया है कि फिल्म इंडस्ट्री के सभी संगठनों को एकजुट होकर इन्हें लागू करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा शिकायतों पर पुलिस जांच कर रही है और हेमा कमिटी की रिपोर्ट अदालत के सामने है। पुलिस को निष्पक्ष रूप से जांच करनी चाहिए और अदालत को सजा तय करने देना चाहिए। मामूटी ने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में कोई ‘पावरहाउस’ नहीं है और अगर कानूनी अड़चनें हैं, तो हेमा कमिटी की व्यावहारिक सिफारिशों को लागू करना चाहिए ताकि सिनेमा का अस्तित्व बना रहे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन और उसके नेतृत्व को पहले प्रतिक्रिया देनी चाहिए और उन्होंने इंतजार इसलिए किया ताकि अपनी राय सही समय पर दे सकें।
इससे पहले मोहनलाल ने भी AMMA के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था कि वे इंडस्ट्री में हो रही घटनाओं पर बात करने आए हैं। उन्होंने हेमा कमिटी को अपना बयान भी दे दिया है। हेमा कमिटी की रिपोर्ट में, जो पांच साल बाद आई, कई एक्ट्रेसेस ने मलयालम सिनेमा के एक्टर्स, डायरेक्टर्स, और प्रोड्यूसर्स पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। AMMA के कई सदस्यों पर भी आरोप लगे हैं, और इसके बाद, गवर्निंग बॉडी के कुछ सदस्यों ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।