
बांदीपोरा, 28 अप्रैल 2025:
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द भारत छोड़ने का निर्देश दिया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में रह रहीं पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियां सरकार से भावुक अपील कर रही हैं कि उन्हें कश्मीर में ही रहने दिया जाए। उनका कहना है कि वे अपने मुल्क वापस नहीं लौटेंगी, चाहे उन्हें ताबूत में भेजना पड़े।
इन महिलाओं ने पुनर्वास नीति-2010 के तहत घाटी में शरण ली थी। ये वे पत्नियां हैं जो उन आतंकियों के साथ भारत आई थीं जिन्होंने पाकिस्तान या पीओके में आतंकी प्रशिक्षण लिया था और फिर हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया था। अब, सरकार के नए निर्देशों के चलते उन्हें वापस पाकिस्तान भेजे जाने का खतरा मंडरा रहा है।
पूर्व आतंकी की पत्नी एलिजा रफीक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने कोई अपराध नहीं किया है। मेरा घर, मेरा परिवार सब यहीं है। मेरे पास वोटर आईडी और आधार कार्ड हैं। मैंने हाल ही में मतदान भी किया था। अब मुझसे मेरी छोटी बच्ची को छोड़कर जाने के लिए कहा जा रहा है, ये कैसे संभव है?”
एलिजा ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील करते हुए कहा कि उन्हें दया दिखाई जाए और कश्मीर में रहने दिया जाए। उन्होंने कहा, “अगर सरकार हमें नहीं रहने देती तो हमारी लाशों को सीमा पार भेज दे। हम यहीं जीना और मरना चाहते हैं।”
एक अन्य पाकिस्तानी महिला जाहिदा बेगम ने भी अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों के साथ कश्मीर में शांति से रहना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मेरी दो बेटियां और एक 10 साल का बेटा है। मैं वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहती। कृपया हमें यहीं रहने दें।”
सरकार ने फिलहाल मेडिकल वीजा धारकों को छोड़कर सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का समय दिया है। पुनर्वासित इन परिवारों की दुविधा अब एक बड़ी मानवीय चिंता बन गई है।






