Uttar Pradesh

वाराणसी में खतरे के लाल निशान का रुख कर चुकी गंगा, मंदिर डूबे, गलियों में चल रहे नाव

वाराणसी, 16 सितंबर, 2024

वाराणसी। रौद्र रूप धारण कर चुकीं गंगा रविवार को दोपहर एक बजे चेतावनी बिंदु लांघ कर शहर में प्रवेश को आतुर हैं। पानी चेतावनी बिंदु से 23 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। इस फ्लड सीजन में पहली बार जलस्तर वार्निंग लेवल को पार कर खतरे के लाल निशान का रुख कर चुका है। पुराने अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चल रही है। हरिश्चंद्र घाट से पानी देर रात रोड को टच कर चुका था। रविवार को रात आठ बजे वाटर लेवल और खतरे के निशान के बीच महज 77 सेंटीमीटर का फासला था। पानी शाम को दशाश्वमेध घाट (शीतला मंदिर) की सभी सीढ़ियों को जलसमाधि देते हुए सड़क तक पहुंच चुका था। बीते 24 घंटे में आठ फुट पानी बढ़ा है और इसमें बढ़ाव के ही संकेत मिले हैं। गंगा में आई बाढ़ से तटवर्ती क्षेत्रों में परिस्थितियां विकट होने लगी हैं। वरुणा में पलट प्रवाह से शहर के अनेक मोहल्लों सहित सारनाथ क्षेत्र के कई गांव व मोहल्लों के घरों में पानी घुस गया, प्रभावित परिवारों ने ऊंचे स्थानों, रिश्तेदारों या फिर राहत शिविरों में शरण ली। अंत्येष्टि स्थलों के डूबने से हरिश्चंद्र घाट की गलियों, मणिकर्णिका की छत पर शवदाह किया जा रहा है तो साथ आए लोगों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।

वरुणा किनारे वाले बेहाल

गंगा के पलट प्रवाह से उफनाई वरुणा का पानी रसूलगढ़, पुरानापुल, सरैया, भट्ट्टा क्षेत्र में पानी घरों में पानी घुस गया। इसके कारण लोग अपने-अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे हैं। जबकि रसूलगढ़ के लोग सलारपुर स्थित प्राइमरी स्कूल में पनाह लिए हैं। दूसरी ओर कोनिया, दीनदयालपुर, नक्खीघाट, बघवानाला, हुकुलगंज की ओर भी पानी लगातार आगे बढ़ रहा। इन क्षेत्रों से लोगों का पलायन बीते शनिवार से शुरू हो गया था जो रविवार को भी जारी रहा।

शवदाह के लिए बढ़ी मुसीबतें

गंगा में तेज बढ़ाव के कारण घाट किनारे पूजा-अनुष्ठान करने वाले तीर्थ-पुरोहितों की चौकियां सड़क पर लग गयी है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। मणिकर्णिका घाट पर छत पर और हरिश्चंद्र घाट के ऊपर गलियों में शवदाह हो रहा है। ऐसे में दोनों ही घाटों पर लोगों को शवदाह करने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।

अस्सी घाट की गली में नाव

नया और पुराना दोनों अस्सी घाट पूरी तरह डूब गया है। पुराने अस्सी घाट से लगी गली में पानी घुस चुका है। वहां नाव चल रही थी। दुकानदार दिनभर अपना सामान सुरक्षित करने में लगे रहे। वहीं, पंडों की चौकियां अब सड़क पर लगी है जहां उनकी जजमानी चल रही है। वहीं, रिस्क लेकर गंगा स्नान व सेल्फी लेने का क्रम जारी रहा।

आंकड़ों में जलस्तर

केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार रविवार को जलस्तर में हर घंटे तीन सेंटीमीटर की बढ़त सुबह से रात तक अपनी बढ़त बनाये रखा। सुबह आठ बजे जलस्तर 70.13 मीटर रहा जो कि रात आठ बजे 70.49 मीटर पर पहुंच गया था। बढ़ते रुख को देखते हुए यह आशंका जतायी जा रही है कि अगले 24 घंटे में जलस्तर खतरे के लाल निशान (71.26 मीटर) तक पहुंच जाएगा।

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