
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 5 जुलाई 2025:
यूपी के वाराणसी में शहर स्थित कैंट रेलवे स्टेशन के पास फ्लाईओवर के नीचे गुलजार रहने वाले नाइट मार्केट पर नगर निगम की जेसीबी गरज पड़ी। यहां देखते ही देखते 50 से ज्यादा अवैध दुकानें ध्वस्त कर हटा दी गईं। रात 10 बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई आधी रात तक चलती रही। इस दौरान यहां से जीविका चलाने वाले दुकानदारों में हड़कंप मचा रहा।
नोटिस के 48 घण्टे पूरे होने पर पहुंची टीम, ट्रैफिक रोककर हटाया गया अतिक्रमण
शुक्रवार रात एडीएम सिटी आलोक वर्मा के नेतृत्व में नगर निगम की टीम पुलिस बल के साथ कैंट स्टेशन के सामने पहुंची। पहले से दी गई 48 घंटे की चेतावनी के बावजूद जब दुकानदारों ने अवैध कब्जे नहीं हटाए, तो प्रशासन ने सख्ती दिखाई। फ्लाईओवर के नीचे ट्रैफिक रोककर दुकानों का सामान नगर निगम के वाहनों में लादा गया। दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई, कोई सामान बचाने की जुगत में भागा तो कोई विरोध में आवाज बुलंद करता रहा। लेकिन प्रशासन ने किसी की नहीं सुनी और पांच घंटे की कार्रवाई में 50 से ज्यादा दुकानें हटा दी गईं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा थी नाइट मार्केट, संचालक संस्था की मनमानी से बिगड़ा खेल
कभी वाराणसी की रातों को रौशन करने और छोटे दुकानदारों को रोजगार देने के लिए शुरू किया गया यह नाइट मार्केट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा था। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे बने इस बाजार को आकर्षक पेंटिंग्स और लाइट्स से सजाया गया था। खानपान की दुकानों से लेकर छोटे-मोटे सामान की बिक्री तक, यह बाजार स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र था। लेकिन संचालन का जिम्मा संभालने वाली श्रेया इंटरप्राइजेज ने नियमों की अनदेखी कर इसे अवैध अतिक्रमण का अड्डा बना दिया। नगर निगम का कहना है कि एजेंसी ने निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया। अधिक दुकानें आवंटित कर दी गईं, रेलिंग काटकर यू-टर्न बनाए गए, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया। साफ-सफाई का बुरा हाल था, और जाम की समस्या ने कैंट स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। इतना ही नहीं, गंदगी और अनैतिक गतिविधियों की शिकायतों ने काशी की साख को भी नुकसान पहुंचाया।
संस्था पर पार्किंग शुल्क व बिजली का 2.76 करोड़ बकाया, लाइसेंस भी हो चुका है रद्द
नगर निगम ने श्रेया इंटरप्राइजेज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। बीते 10 जून को नगर आयुक्त ने सिगरा थाने में एजेंसी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है कि एजेंसी ने बिजली और पार्किंग शुल्क का 2.76 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया जमा नहीं किया। जनवरी 2025 में एजेंसी का लाइसेंस रद्द होने के बावजूद नाइट मार्केट का अवैध संचालन जारी रहा। इस साल अप्रैल में गैस सिलेंडर में आग लगने से एक दर्जन से ज्यादा दुकानें जलकर राख हो गई थीं, जिसने इस बाजार की लापरवाही को और उजागर किया।
जाम व गंदगी की समस्या बढ़ने पर नगर निगम ने लिया निर्णय
नाइट मार्केट के चलते फ्लाईओवर के नीचे जाम और गंदगी की समस्या आम हो गई थी। रास्ता ब्लॉक होने से कैंट स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। मीडिया में लगातार उठ रही शिकायतों और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद नगर निगम ने आखिरकार इस बाजार को बंद करने का फैसला लिया।