
देहरादून, 5 जुलाई 2025:
उत्तराखंड में 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में गंगाजल लेने पहुंचते हैं, जिससे व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रहे। इस क्रम में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) की भूमिका इस बार विशेष रूप से अहम मानी जा रही है। SDRF के कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया कि इस बार हरिद्वार जिले में SDRF की 7 सब-टीमें 6 प्रमुख स्थानों पर तैनात की जाएंगी। ये टीमें अत्याधुनिक बचाव उपकरणों से लैस हैं। आपात स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कमांडेंट यदुवंशी ने बताया कि SDRF की टीमें पहले से ही संवेदनशील स्थानों का मुआयना कर चुकी हैं। पानी में डूबने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए गोताखोर दल, नावें, लाइफ जैकेट, रोप रेस्क्यू किट और संचार उपकरण समेत सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। गंगा घाटों पर भारी भीड़ के बीच SDRF कर्मी स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा निगरानी, और रेस्क्यू ऑपरेशन जैसी जिम्मेदारियां संभालेंगे। श्रद्धालुओं को नियमों के पालन के लिए जागरूक भी किया जाएगा।
कांवड़ यात्रा के दौरान सड़कों पर ट्रैफिक और भीड़ का विशेष दबाव रहता है, ऐसे में SDRF की सक्रिय मौजूदगी दुर्घटनाओं की आशंका को कम करने में मदद करेगी। कमांडेंट ने आमजन से अपील की है कि यात्रा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में SDRF कर्मियों का सहयोग लें।
सीएम धामी ने भरोसा जताया है कि SDRF सहित सभी एजेंसियों के समन्वय से कांवड़ यात्रा इस बार भी शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में संपन्न होगी। SDRF की सभी टीमें यात्रा संपन्न होने तक लगातार ड्यूटी पर तैनात रहेंगी।






