
बलरामपुर/लखनऊ, 19 जुलाई 2025:
अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के खिलाफ जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से छांगुर और उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर की गई छानबीन में विदेशी फंडिंग और संपत्ति निवेश के पुख्ता सबूत सामने आए हैं।
पनामा की ‘लोगोस मरीन कंपनी’ से मिला गुर्गे का संबंध
जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर ने मुंबई के ‘रनवल ग्रीस’ कॉम्पलेक्स में संपत्ति खरीदी थी, जबकि उसके करीबी गुर्गे नवीन रोहरा का संबंध मध्य अमेरिका के पनामा गणराज्य स्थित ‘लोगोस मरीन कंपनी’ से भी पाया गया है। ईडी को विदेशी खातों, लेनदेन और छांगुर की अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से जुड़े अभिलेख भी मिले हैं।
ईडी ने छांगुर, नवीन रोहरा उर्फ जलालुद्दीन और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन से जुड़े 22 बैंक खातों का विश्लेषण किया, जिसमें लगभग 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा सुभाषनगर स्थित ‘आसवी बुटीक कॉम्पलेक्स’ को सील किया गया है, जहां से अवैध कारोबार से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं।
विदेशी मुद्रा और सहयोगियों की भूमिका
मुंबई में नवीन के सहयोगी शहजाद शेख के मोबाइल से क्रोएशिया की मुद्रा ‘कुना’ की तस्वीर बरामद हुई है। ईडी अब विदेशी मुद्रा की भूमिका और विदेशी संस्थाओं से संबंधों की गहन जांच कर रही है। धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज ईडी को मौके पर नहीं मिले, क्योंकि एटीएस पहले ही उन्हें जब्त कर चुकी थी।
नासिर जैसे बड़े बिजनेसमैन से भी संबंध
जांच में छांगुर के मुंबई के एक बड़े व्यापारी नासिर से भी संपर्क होने के संकेत मिले हैं। यह मामला अब केवल अवैध धर्मांतरण का नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले वित्तीय नेटवर्क की गहराई तक जा पहुंचा है।
छांगुर के खिलाफ बरेलवी उलमा ने जारी किया फतवा
बरेली में सुन्नी बरेलवी उलमा ने छांगुर के खिलाफ जुबानी फतवा जारी करते हुए उसे “गैर-इस्लामी कृत्य” बताया है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि समाज को ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए।