Uttar Pradesh

वाराणसी में लापरवाही बना हादसे का कारण! मैसूर के राजपरिवार से जुड़ा कर्नाटका स्टेट गेस्ट हाउस ढहा, साधु समेत तीन घायल

वाराणसी, 22 सितंबर:

अंशुल मौर्य,

हरिशचंद्र घाट स्थित कर्नाटका स्टेट गेस्ट हाउस के पूर्वी और उत्तरी हिस्से का गुंबद अचानक दीवार के साथ गंगा में समा गया। शनिवार को हुए इस हादसे में कुछ दूर पर बैठे जूना अखाड़े के साधु वैशाख गिरी 60, श्याम गिरी 30 व चाय विक्रेता कल्लू साहनी घायल हो गए। घायलों को तत्काल स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल भेलूपुर भेजा गया वहां से सभी को ट्रामा सेंटर भर्ती कराया गया। इसमें कल्लू की हालत गंभीर बनी हुई है। खबरों के मुताबिक, कर्नाटक गेस्ट हाउस के बगल में कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य के दौरान गेस्ट हाउस के नीचे बना चबूतरा तोड़ दिया गया। पिलर की खुदाई करने के लिए मशीन चलाई जा रही है। जिससे पूरा पूर्वी उत्तर का हिस्सा अंदर-अंदर खोखला गया था।

गेस्ट हाउस के सहायक मैनेजर अरुण कुमार और उज्जवल स्वामीनाथन ने बताया कि मैसूर स्टेट के द्वारा 1928 में 18 कमरे के बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था। हरिश्चंद्र कॉरिडोर बनाने के कारण पूर्व का हिस्सा एकदम खोखला हो गया है। पूरा भवन बेसमेंट विहीन है। पूरा भवन का क्षेत्रफल इस समय मिट्टी पर टिका है। भवन के पूर्वी हिस्से को पूरी तरह बंद कर दिया गया। इन लोगों का कहना था कि भीतर नीम और पीपल का पेड़ होने के कारण ज्यादा कटाव नहीं हो पाया। जूना अखाड़ा के श्याम गिरी व वैशाख गिरी साधु दोनों घूमने के लिए आए थे। घटना के चार घंटे तक नगर निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण के कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे। बिल्डिंग की हिस्सा गिरने की जानकारी कर्नाटक स्टेट के एंडोमेंट विभाग के कमिश्नर को सहायक मैनेजर अरुण कुमार ने टेलीफोन से जानकारी दी। बिल्डिंग गिरने की जानकारी होने के बाद कर्नाटक स्टेट से भी अधिकारी और विशेषज्ञ जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल, मोदी-योगी सरकार पर बोला हमला

कर्नाटका स्टेट हादसे में घायलों को देखने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ट्रामा सेंटर पहुंचे। केंद्र व प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी-योगी सरकार लगातार काशी को झूठ के विकास का प्रयोगशाला बनाने में व्यस्त है। सरकार हादसे का इंतजार करती है, बाद में आश्वासन देकर चलते बनती है। यह काशी में पहला हादसा नही है, लगातार अनियमितता सामने आ रही है। पहली बात विद्युत शवदाह गृह ध्वस्त करने की क्या वजह थी ? साथ ही अगर पुरानी जर्जर दीवाल है तो उसपर कार्य क्यो नही हुआ। इसका स्पष्ट मतलब है कि सरकार खुद हादसे को आमंत्रित कर रही है। पूरे काशी में झूठ के माडल पर विकास की काली करतूत काशी के लोगो के लिए जान का दुश्मन बन गई है। इस भ्रष्ट सरकार से कोई उम्मीद तो नही है। काशी मेरा परिवार है यहां के लोग मेरे परिवार के सदस्य है। हम मांग करते है की पीड़ित को फ्री इलाज मुहैया हो व उसे सहायता राशि प्रदान की जाए। हम फिर आगाह करते है कि सरकार हादसों को बुलावा न दें, धरातल पर उतर कर वास्तविक कार्य करे।

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