
नई दिल्ली | 25 जुलाई 2025
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है कि वे अपनी टैक्सेबल इनकम के सभी स्रोतों को समझें ताकि सही ITR फॉर्म का चुनाव कर सकें और किसी भी तरह के पेनल्टी या कानूनी पचड़े से बच सकें।
विशेषज्ञों के मुताबिक, टैक्सेबल इनकम के 5 प्रमुख स्रोत होते हैं – वेतन, किराया, पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन), व्यवसाय या पेशे से आय और अन्य स्रोतों से प्राप्त आय।
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वेतन (Salary) – इसमें बेसिक पे, एचआरए, बोनस और अन्य भत्ते शामिल होते हैं। केवल वेतन से आय वाले लोग ITR-1 फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
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संपत्ति से आय (House Property) – यदि आप किराए की आय प्राप्त करते हैं तो यह इस श्रेणी में आता है। ITR-1 का उपयोग तब किया जा सकता है जब केवल एक हाउस प्रॉपर्टी से आय हो।
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कैपिटल गेन (Capital Gains) – यह लाभ शेयर, म्यूचुअल फंड या रियल एस्टेट जैसी संपत्तियों को बेचने से होता है। यदि लाभ ₹1.25 लाख से कम है, तो ITR-1, और अधिक होने पर ITR-2 उपयुक्त होता है।
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व्यवसाय या पेशा (Business/Profession) – स्वरोजगार, फ्रीलांसिंग या किसी व्यापार से हुई आय को इसमें गिना जाता है। इस श्रेणी की आय वालों को ITR-3 या ITR-4 जैसे फॉर्म भरने होते हैं।
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अन्य स्रोत (Other Sources) – इसमें एफडी पर ब्याज, डिविडेंड, लॉटरी से जीती गई राशि, गिफ्ट्स आदि शामिल होते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रतिभा गोयल के अनुसार, कई बार करदाता की आय इन सभी स्रोतों से हो सकती है। ऐसे मामलों में मामला जटिल हो जाता है और सही ITR फॉर्म चुनना और भी जरूरी हो जाता है।
गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या अतिरिक्त टैक्स और पेनल्टी लग सकती है। इसलिए रिटर्न भरने से पहले इनकम के स्रोतों को समझना और विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होगा।






