
लखनऊ, 19 अगस्त 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आक्रोश मंगलवार को एक बार फिर सड़क पर दिखा। नाराज अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने “केशव चाचा न्याय करो” के नारे लगाए और सुप्रीम कोर्ट में मामले की लंबित सुनवाई पर नाराजगी जताई।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का आरोप है कि लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त 2024 को उनके पक्ष में निर्णय सुनाया था और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया था। इसके बावजूद उस फैसले को अमल में नहीं किया गया और मामले को सुप्रीम कोर्ट तक खींचा गया।
धरने की अगुवाई कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि वर्ष 2018 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया गया। हाईकोर्ट से न्याय मिलने के बाद भी सरकार की टालमटोल नीति से अभ्यर्थी हताश और परेशान हैं। अधिकारियों ने जानबूझकर फैसला लागू नहीं किया और अभ्यर्थियों को अंधेरे में रखा।
उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले 2 सितंबर 2024 को भी अभ्यर्थियों ने श्री मौर्य के आवास का घेराव किया था। उस समय डिप्टी सीएम ने “त्वरित न्याय” का आश्वासन दिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महीनों से मामला लटका हुआ है, जबकि यह कुछ ही दिनों में सुलझ सकता था।
अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार तुरंत नियुक्ति दी जाए और सुप्रीम कोर्ट में लंबित प्रक्रिया को जल्द से जल्द सुलझाया जाए।