
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 20 अगस्त 2025:
यूपी के वाराणसी में गंगा तट पर टेंट सिटी बसाने में पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाए गए जुर्माने की वसूली में देरी पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। करीब 34.25 लाख रुपये का यह जुर्माना अब तक वसूल न होने पर एनजीटी ने सख्त रुख अपनाया और सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए।
दरअसल, वाराणसी में पर्यटकों के लिए गंगा किनारे बनाई गई टेंट सिटी में लल्लू जी एंड संस ने 120 और प्रवेग कम्युनिकेशन इंडिया लिमिटेड ने 140 टेंट लगाए थे। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप में तुषार गोस्वामी की याचिका पर एनजीटी ने 30 अक्टूबर, 2023 को दोनों कंपनियों पर लगभग 17-17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 23 नवंबर, 2023 को यह जुर्माना अधिसूचित किया, लेकिन अब तक राशि की वसूली नहीं हो सकी।
एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल और ईश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई के दौरान सरकार से देरी का कारण पूछा। साथ ही कछुआ सेंचुरी क्षेत्र से जुड़े मामले में एनजीटी के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाए गए।
याचिकाकर्ता के वकील सौरभ तिवारी ने मामले को गंभीर बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। एनजीटी ने सरकार की अतिरिक्त समय की मांग स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 अक्टूबर तय की है।