
लखनऊ/गोरखपुर, 22 अगस्त 2025 :
यूपी की एटीएस ने रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों को फर्जी तरीके से फर्जी आधार कार्ड जैसे अन्य भारतीय पहचान पत्र मुहैया कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एटीएस ने मुख्य सरगना सहित 8 सदस्यों को कई जिलों से गिरफ्तार किया है। इसमें गोरखपुर का राजीव तिवारी जनसेवा केंद्र का काम छोड़ने के बाद घर से ही दस्तावेज तैयार करता था।
संदिग्ध जनसेवा केंद्रों व इनके संचालकों की हो रही थी निगरानी
एटीएस को लगातार इस आशय की सूचना मिल रही थी कि प्रदेश के कई जिलों में जनसेवा केंद्र गोरखधंधे में लिप्त होकर अवैध तरीके से भारतीय पहचान पत्र बना रहे हैं। इसमें आधार कार्ड के अतिरिक्त जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र भी शामिल थे। ये पहचान पत्र रोहिंग्या, बांग्लादेशी और अन्य विदेशी नागरिकों से अच्छे पैसे लेकर दिए जा रहे हैं। ये गिरोह वीपीएन और रिमोट सिस्टम का भी इस्तेमाल करते थे जो मोटी रकम लेकर पासपोर्ट तक बनवा देते थे। जिलों में ऐसे संदिग्ध जनसेवा केंद्रों और उनके संचालकों की निगरानी की जाती रही।
आजमगढ़ से तीन, मऊ, गाजियाबाद व गोरखपुर जिले से हुई गिरफ्तारी, कई सफेदपोश भी शामिल
पूरी जानकारी हासिल करने के बाद एटीएस ने 10 जिलों में एक साथ छापेमारी की। इस दौरान 8 आरोपियों को धर दबोचा. एटीएस ने इनके पास से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, फिंगर स्कैनर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, फर्जी दस्तावेज और बने हुए सैकड़ों आधार कार्ड बरामद किये हैं। एटीएस ने आजमगढ़ से नसीम, शाकिब और विशाल कुमार को व हिमांशु राय को मऊ से, सलमान अंसारी गाजियाबाद, गौरव कुमार औरैया, राजीव तिवारी को गोरखपुर से और मृत्युंजय गुप्ता को घोषी मऊ से गिरफ्तार किया है। आरोपियों से इस काम मे कई सफेदपोश व सरकारी कर्मियों के शामिल होने के सुराग मिले हैं एटीएस न्यायालय में पुलिस कस्टडी के लिए अनुरोध करेगी जिससे इस देश विरोधी गतिविधियों में शामिल गिरोह के अन्य सदस्यों का भी खुलासा हो सके।
गोरखपुर में राजीव ने एक साल पहले बंद किया जनसेवा केंद्र फिर घर से करने लगा काम
गोरखपुर जिले के चौरीचौरा थाना क्षेत्र के चौरी खास गांव में एटीएस की टीम ने छापा मारकर राजीव तिवारी से 3 घंटे तक पूछताछ की और पूरे घर की एक-एक कोने की तलाशी ली। टीम ने दो दर्जन से अधिक आधार कार्ड ,लैपटॉप सहित अन्य जरूरी कागजात को कब्जे में लिया उसकी सील कर दिया है। टीम राजू तिवारी को अपने साथ लेकर चली गई। पूछताछ में पहले तो वह सवालों पर टाल-मटोल कर रहा था लेकिन जब टीम ने उसके मोबाइल की जांच साइबर एक्स्पर्ट से कराकर सबूत के साथ पूछताछ की तो वह टूट गया। उसने कुछ अहम जानकारियां टीम को दीं। जब टीम पहुंची तो राजू के अलावा उसका भतीजा मौजूद था। परिवार के अन्य सदस्य अयोध्या दर्शन करने गए थे। बताया गया कि राजीव तिवारी चौरीचौरा में छह साल से जनसेवा केंद्र खोल कर आधार कार्ड समेत अन्य पहचान पत्र बनाने का काम करता था लेकिन एक साल पहले उसने दुकान बंद कर दी। इसके बाद वह घर पर ही चोरी-छिपे आधार कार्ड व पहचान पत्र बनाने का काम करता था।






