
अनमोल शर्मा
मेरठ, 24 अगस्त 2025:
यूपी के मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक भ्रष्टाचार के आरोपों पर हंगामे की भेंट चढ़ गई। चौधरी चरणसिंह यूनिवर्सिटी (सीसीएसयू) के अटल सभागार में शनिवार को हुई बैठक में पार्षदों और नगर आयुक्त सौरभ गंगवार के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद नगर आयुक्त अपने अधिकारियों के साथ सदन छोड़कर चले गए। महापौर हरिकांत अहलूवालिया अकेले स्थिति संभालने की कोशिश करते रहे।
बैठक की शुरुआत से ही माहौल तनावपूर्ण था। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे तनाव बढ़ गया। जैसे ही बैठक शुरू हुई, पार्षदों ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और नगर आयुक्त सौरभ गंगवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाजपा पार्षद उत्तम सैनी की नगर आयुक्त पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद माहौल और गरमा गया। इस अमर्यादित टिप्पणी पर हालांकि बाद में पार्षद ने खेद व्यक्त किया। पार्षद पवन चौधरी और संजय सैनी ने स्ट्रीट लाइट के ठेके और भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम में भ्रष्टाचार हो रहा है। नगर आयुक्त इसमें संलिप्त हैं। भाजपा पार्षद उत्तम सैनी ने नगर आयुक्त पर एक ठेकेदार से “आशीर्वाद” लेने का आरोप लगाया और उसकी तस्वीर भी सदन में दिखाई।

हंगामा और नारेबाजी बढ़ते देख नगर आयुक्त सौरभ गंगवार अपने अधिकारियों के साथ सदन छोड़कर बाहर चले गए। उनके जाने के बाद माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। नगर निगम के कर्मचारी और पार्षद आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारियों ने नगर आयुक्त के समर्थन में नारेबाजी की और पार्षदों की टिप्पणी के विरोध में बैठक कक्ष में तालाबंदी कर दी।
पूरे हंगामे के दौरान महापौर हरिकांत अहलूवालिया सदन में अकेले बैठे रहे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करते रहे। पार्षदों ने उनसे मांग की कि उन्हें नगर आयुक्त के पास ले जाया जाए ताकि मुद्दों पर चर्चा हो सके। बैठक में जिस तरह का टकराव हुआ है, उससे आगे और भी गतिरोध की आशंका जताई जा रही है।






