
लखनऊ, 27 सितंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने नकली और नारकोटिक्स दवाओं के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने सात थोक दवा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इनमें से दो फर्मों पर नारकोटिक्स औषधियों के क्रय-विक्रय और भंडारण पर अस्थायी रोक लगाई गई है।
मालूम हो कि हाल ही में एक नामी दवा कंपनी ने एफएसडीए को शिकायत दी थी कि उनके ब्रांड की नकली दवाएं बाजार में बेची जा रही हैं। जांच में यह आशंका सही पाई गई। सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार के अनुसार पांच मेडिकल फर्में नकली दवाएं बेचने में दोषी पाई गईं। इनमें अमीनाबाद की मेसर्स अमित मेडिकल एजेंसी, मेसर्स व्यंश फार्मा, मेसर्स शिव शक्ति फार्मा, चिनहट स्थित मेसर्स महाराजा इंटरप्राइजेज और अमीनाबाद की मेसर्स एए फार्मा शामिल हैं।
इन फर्मों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर नामचीन कंपनियों की नकली दवाएं खरीदकर बिक्री की थी।
इसके अलावा सरोजनीनगर की मेसर्स जेडेक्स इन्फ्यूजन प्राइवेट लिमिटेड और अमीनाबाद न्यू मेडिसिन मार्केट की मेसर्स महावीर मेडिकल्स पर नारकोटिक्स दवाओं के अवैध क्रय-विक्रय और भंडारण का आरोप सही पाया गया।
डीएम के आदेश पर दोनों फर्मों का नारकोटिक्स दवाओं से संबंधित लाइसेंस अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया गया है। अब ये फर्में नशीली दवाओं की बिक्री नहीं कर सकेंगी। एफएसडीए अधिकारियों ने साफ किया है कि दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।