खेल डेस्क, 18 नवंबर 2025 :
जरा सोचिए, आठ मैच खेले, तीन हारे, एक ड्रॉ और सिर्फ चार जीते। यही हाल है भारत का WTC में। कोलकाता टेस्ट की हार ने तो जैसे टीम की उम्मीदों पर ब्रेक लगा दिया है। शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया जिस पॉइंट परसेंटेज पर खड़ी है, वह फाइनल की दौड़ में टिके रहने के लिए बहुत कम है।
पिछले सीजन साफ दिखाते हैं कि फाइनल खेलने के लिए टीमों को लगभग 64 से 68 प्रतिशत तक की मजबूती चाहिए होती है। फिलहाल टीम का मौजूदा अंक प्रतिशत (PCT) 54.17 है। ऐसे में भारत की राह अब पतली भी है और खतरनाक भी।
आगे भारत के सामने कौन सी सीरीज?
भारत इस साइकिल में कुल 18 टेस्ट खेल रहा है जिनमें से आठ मैच पूरे हो चुके हैं। अब टीम के पास 10 मुकाबले बचे हैं। इन 10 टेस्ट में एक मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी में होगा। फिर श्रीलंका दौरे पर दो टेस्ट होने हैं। उसके बाद न्यूजीलैंड में दो टेस्ट खेले जाएंगे। सबसे बड़ी परीक्षा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली पांच मैचों की घरेलू सीरीज होगी। क्योंकि यहां एक गलती भी भारत को और मुश्किल में डाल सकती है। ये पांच टेस्ट भारत की किस्मत तय करेंगे।
कितनी जीत पर भारत फाइनल की रेस में रहेगा?
अगर भारत अपने बचे हुए 10 मैच सभी जीत लेता है तो टीम 79.63 प्रतिशत के साथ बड़े आराम से फाइनल में पहुंच जाएगी। लेकिन यह सिर्फ आदर्श स्थिति है। असल में भारत को कम से कम आठ टेस्ट जीतने होंगे ताकि टीम 68 प्रतिशत से ऊपर पहुंच सके। इतिहास बताता है कि इसी रेंज में आने वाली टीमें फाइनल में जगह बनाती रही हैं।
5 जीत पर भारत 51.85 प्रतिशत पर रहेगा।
6 जीत पर 57.41 प्रतिशत।
7 जीत पर 62.96 प्रतिशत।
8 जीत पर 68.52 प्रतिशत।
9 जीत पर 74.07 प्रतिशत।
10 जीत पर 79.63 प्रतिशत।
यह साफ दिखाता है कि भारत को फाइनल की उम्मीद जिंदा रखने के लिए आठ जीत जरूरी हैं।
क्या बताता है WTC का इतिहास?
पिछले तीन WTC चक्रों के आंकड़े बताते हैं कि फाइनल खेलने वाली टीमें हमेशा 65 से 70 प्रतिशत पॉइंट परसेंटेज पर रही हैं।
2019 से 2021 में भारत 72.2 प्रतिशत के साथ टॉप पर था।
2021 से 2023 में ऑस्ट्रेलिया 66.7 प्रतिशत पर था।
2023 से 2025 में दक्षिण अफ्रीका 69.44 प्रतिशत पर थी।
यानी भारत को भी इसी रेंज में पहुंचना पड़ेगा।
भारत की सबसे बड़ी चुनौती
टीम न सिर्फ विरोधियों से जूझ रही है बल्कि अपने ही अस्थिर खेल से भी परेशान है। बल्लेबाज विदेशी पिचों पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। कप्तानी नई है और प्लेइंग इलेवन में भी स्थिरता नहीं दिख रही है। हालांकि भारत के पास एक फायदा है कि 10 में से छह मैच घर पर होने हैं। घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाकर भारत अपनी लड़ाई मजबूत कर सकता है।
अब एक गलती भी पड़ सकती है भारी
भारत का फाइनल तक पहुंचना मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं। टीम को अब लगभग परफेक्ट क्रिकेट खेलना होगा। आठ जीत तस्वीर बदल सकती हैं। कम जीत भारत को फाइनल की दौड़ से बाहर कर सकती है। आने वाले महीनों में यह साफ हो जाएगा कि भारत लगातार तीसरी बार WTC फाइनल खेलेगा या नहीं।






