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धराली-हर्षिल आपदा पर सियासी तूफान : कांग्रेस ने सरकार पर लगाए लापरवाही के ये गंभीर आरोप

उत्तराखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार ने जानकारी छुपाई और पीड़ितों की अनदेखी हो रही, हर्षिल क्षेत्र में बनी नई झील भविष्य में बड़े खतरे का संकेत

देहरादून, 6 दिसंबर 2025:

उत्तराखंड के धराली और हर्षिल क्षेत्र में गत अगस्त में आई भीषण आपदा को लेकर राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक प्रेस वार्ता में राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने राहत, बचाव और तथ्य प्रस्तुति के मोर्चों पर भारी कोताही बरती है।

गोदियाल ने दावा किया कि आपदा के तुरंत बाद कांग्रेस नेताओं को घटनास्थल तक पहुंचने से रोकने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा पैदल रास्तों से किसी तरह हर्षिल और धराली पहुंचे लेकिन रास्ते में सरकारी तंत्र ने बाधाएं खड़ी कीं। उनके अनुसार यही कारण था कि सरकार शुरू से ही वास्तविक हालात सामने आने नहीं देना चाहती थी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि स्वयं सरकार के मंत्री कर्नल कोटियाल ने शुरुआत में स्वीकार किया था कि मलबे के नीचे अब भी कई शव दबे हो सकते हैं और खोजबीन पर्याप्त नहीं है। हालांकि बाद में दबाव में बयान वापस ले लिया गया। इससे सरकार की मंशा पर और सवाल उठते हैं।

पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के क्षेत्र में पहुंचते ही इंटरनेट सेवा बार-बार बंद कर दी जाती है ताकि पीड़ितों की आवाज बाहर न जा सके। गोदियाल ने दावा किया कि स्थानीय लोगों के अनुसार बहुत से शव अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है लेकिन सरकार न तो व्यापक खोज अभियान चला रही और न ही राहत कार्यों में पारदर्शिता बरत रही है। उन्होंने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि कई इलाकों में मलबे पर मिट्टी डालकर सड़कें बना दी गईं, जिससे शवों की तलाश और मुश्किल हो गई।

पीड़ितों को दिए गए मुआवजे को भी कांग्रेस ने अपर्याप्त बताते हुए कहा कि सरकार पक्के घरों को कच्चा मकान बताकर केवल 5 लाख रुपये की सहायता दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि प्रभावितों की वास्तविक संख्या सैकड़ों में है लेकिन सरकार केवल 38 परिवारों को ही मुआवजा देने की बात कर रही है।

स्थानीय व्यवसायियों, होमस्टे संचालकों और पर्यटन पर आश्रित लोगों को भी राहत सूची से बाहर रखा गया है क्योंकि सरकार उनसे पर्यटन विभाग में पंजीकरण की मांग कर रही है। इसे कांग्रेस निर्दय और असंवेदनशील रवैया बता रही है।

गोदियाल ने चेतावनी दी कि हर्षिल क्षेत्र में बनी नई झील भविष्य में बड़े खतरे का संकेत है और बरसात का अगला मौसम दूर नहीं। इसके बावजूद सरकार संभावित जोखिमों के मूल्यांकन और रोकथाम के प्रति चिंताजनक रूप से उदासीन है।

बीजेपी द्वारा राजनीति करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ रही है न कि राजनीति कर रही है। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि आरोप-प्रत्यारोप में समय गंवाने के बजाय पीड़ितों की सुध ले और राहत व पुनर्वास कार्यों को तेज करे। धराली-हर्षिल आपदा प्रबंधन को लेकर उठ रहे ये सवाल आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में और तनाव पैदा कर सकते हैं।

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