
नई दिल्ली,29 अक्टूबर 2024
जम्मू के सुंदरबनी सेक्टर के असन इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान सेना ने पहली बार मोबिलिटी के लिए BMP-2 का इस्तेमाल किया। हालांकि BMP-2 को टैंक समझा जा रहा है, लेकिन यह सैनिकों को कैरी करने वाला वाहन है, जिसमें आगे एक कैनन लगा होता है, जिसका इस्तेमाल नहीं किया गया। ऑपरेशन में सैनिकों की सुरक्षा के लिए BMP-2 को एक सिक्योर वीइकल की तरह इस्तेमाल किया गया।
दो दिन में खत्म हुआ ऑपरेशनजंगल के बीच खुले मैदान वाले इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए सेना ने BMP-2 का इस्तेमाल किया, जिससे सैनिक सुरक्षित रहते हैं और मूवमेंट में भी आसानी होती है। BMP-2 का उपयोग करते हुए सेना ने ऑपरेशन को दो दिन में पूरा किया। अर्बन इलाकों में ऑपरेशन के लिए सेना आमतौर पर बख्तरबंद गाड़ी कैस्पर का इस्तेमाल करती है।
BMP एक इंफ्रेंट्री कैरियर वीइकल (ICV) है, जो सैनिकों को सुरक्षित ले जाने के साथ ही हथियारों से लैस होता है। भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री में करीब 2000 BMP-2 ICV शामिल हैं, जो रूसी तकनीक पर आधारित हैं। ये वीइकल दो प्रकार के होते हैं: एक ट्रैक्ड, जो टैंक की तरह ट्रैक पर चलते हैं, और दूसरे व्हील्ड, जो टायरों पर चलते हैं। BMP-2 की खासियत यह है कि ये एंफीबियस हैं, यानी ये पानी के छोटे रास्तों, जैसे नदी-नालों को भी आसानी से पार कर सकते हैं, जिससे ऑपरेशनल क्षमता और बढ़ जाती है।
BMP और टैंक में अंतरBMP और टैंक दोनों बख्तरबंद वाहन हैं, लेकिन इनके उपयोग और विशेषताएं अलग हैं। BMP को आर्मी की मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री द्वारा उपयोग किया जाता है, जबकि टैंक आर्मर्ड रेजिमेंट का हिस्सा होता है और इसे आर्मर्ड फाइटिंग वीइकल (AFV) कहा जाता है। BMP एक इंफ्रेंट्री कैरियर वीइकल (ICV) है जिसका फुल फॉर्म “Boyevaya Mashina Pekhoty” है, जो एक रूसी शब्द है। BMP का कवच टैंक जितना मोटा नहीं होता, इसे छोटे हथियारों से सुरक्षा के लिए बनाया गया है। BMP की फायरिंग प्रणाली में छोटी कैनन गन होती है, जबकि टैंक में बड़ी गन होती है। इंडियन आर्मी के पास BMP-1 और BMP-2 मौजूद हैं, जिसमें BMP-2 अपग्रेडेड संस्करण है।