
देहरादून,6 फरवरी 2025:
नशामुक्त उत्तराखंड पर व्यापक चर्चा
उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने और नशे के कारोबार से जुड़े अपराधियों पर समुचित लगाम लगाने के उद्देश्य से सचिव गृह, श्री शैलेश बगौली की अध्यक्षता में संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, और पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
नशा मुक्ति केंद्रों के पंजीकरण और निगरानी पर सख्ती
सचिव गृह ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित सभी पुराने और नए नशा मुक्ति केंद्रों का राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (SMHA) के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, जो केंद्र समय पर पंजीकरण नहीं कराते, उन्हें तत्काल बंद करने की कार्रवाई की जाए।
राज्य में व्यापक जांच अभियान का निर्देश
प्रदेश के सभी जनपदों में जांच समितियों का गठन कर समस्त नशा मुक्ति केंद्रों की नियमित जांच और निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, राज्य के सभी जिला चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षित चिकित्सकों की तैनाती अनिवार्य करने पर जोर दिया गया।
निजी नशा मुक्ति केंद्रों की कड़ी निगरानी
सभी निजी नशा मुक्ति केंद्रों का मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के अनुसार नियमित परीक्षण और पंजीकरण की जांच के निर्देश दिए गए।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति के निर्माण पर जोर
सचिव गृह ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का ढांचा तैयार करने और राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति को शीघ्र तैयार करने के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में सचिव समाज कल्याण श्री नीरज खैरवाल, विशेष गृह सचिव श्रीमती रिद्धिमा अग्रवाल, अपर सचिव श्री प्रकाश चंद्र आर्य और श्रीमती अपूर्वा पांडेय, एसएसपी एसटीएफ श्री नवनीत सिंह, संयुक्त निदेशक SMHA श्री सुमित देव, उपसचिव श्रीमती जसविंदर कौर, डॉ. सुधीर कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
