आठ दिनों के लिए बंद हुआ इलाहाबाद हाईकोर्ट, 15 अक्टूबर से होगी मामलों की सुनवाई

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में दशहरा अवकाश के कारण 8 दिनों तक कोई भी न्यायिक कार्य नहीं होगा। हाईकोर्ट 15 अक्टूबर से पुनः खुलने के साथ ही न्यायिक कार्यवाही शुरू करेगा। इस अवधि में सभी न्यायिक कार्य, विशेष रूप से नए दाखिल किए गए मामलों की सुनवाई, स्थगित रहेंगी।

यह अवकाश अदालत के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार हर साल दशहरे और दीपावली के त्योहारों के आसपास दिया जाता है, जब न्यायाधीश, अधिवक्ता, और न्यायालय के कर्मचारी पारिवारिक और सामाजिक समारोहों में भाग लेने के लिए समय निकालते हैं।

न्यायिक कार्य में 8 दिन का अवकाश

हाईकोर्ट के इस अवकाश के दौरान न केवल नियमित मामलों की सुनवाई रुकेगी, बल्कि जिन फ्रेश दाखिल मामलों पर न्यायाधीशों द्वारा पहले सुनवाई नहीं हो सकी थी, उन पर भी फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं होगी। ऐसे सभी मामलों को 15 अक्टूबर से पुनः सूचीबद्ध किया जाएगा और नियत समय पर उनकी सुनवाई की जाएगी।

इस दौरान अदालत का कोई भी न्यायिक कार्य नहीं चलेगा, और ज्यादातर न्यायाधीश, वकील और हाईकोर्ट के कर्मचारी स्टाफ छुट्टियों का आनंद लेने बाहर जा रहे हैं। इस प्रकार की छुट्टियों के चलते न्यायिक कार्य और प्रक्रिया में अस्थायी ठहराव होता है, लेकिन अदालत का प्रशासनिक कार्य नियमित रूप से जारी रहेगा।

अक्टूबर में केवल 13 दिनों के लिए खुलेगा हाईकोर्ट

दशहरा और दीपावली की छुट्टियों के कारण, इलाहाबाद हाईकोर्ट अक्टूबर महीने में केवल 13 दिनों के लिए खुला रहेगा। इन 13 दिनों में ही सभी प्रकार के न्यायिक कार्य निपटाए जाएंगे।

वकीलों और उनके मुवक्किलों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि इस महीने में कोर्ट का समय सीमित है। ऐसे में जिन मामलों की सुनवाई शेष है, वे 15 अक्टूबर के बाद अधिकतम प्राथमिकता के आधार पर सुनी जाएंगी।

आपातकालीन मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया

हालांकि, यह अवकाश सामान्य न्यायिक कार्यों को रोक देता है, परंतु ऐसी परिस्थितियों के लिए एक विशेष प्रक्रिया मौजूद है, जिसमें किसी आपातकालीन घटना की स्थिति में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अर्जी देकर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति, जो वादी है, अपने मामले के न्यायिक निर्णय के लिए इंतजार नहीं कर सकता, तो उसे अपने अधिवक्ता के माध्यम से इस घटना की जानकारी रजिस्ट्रार जनरल को देनी होती है।

रजिस्ट्रार जनरल द्वारा यह अर्जी चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। चीफ जस्टिस के निर्देशानुसार, अदालत में उपलब्ध न्यायाधीशों की एक विशेष बेंच गठित की जाती है, जो विशेष आपातकालीन मामलों की सुनवाई करती है। इस प्रकार की व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि गंभीर और आपातकालीन मामलों को त्वरित न्याय मिल सके, भले ही अदालत सामान्य अवकाश पर हो।

विस्तारित छुट्टियों का प्रभाव

लम्बी छुट्टियों का असर न्यायिक प्रणाली पर भी पड़ता है। कई मामलों की तारीखें आगे बढ़ा दी जाती हैं, जिससे प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है।

हालांकि, यह अवकाश न्यायाधीशों और वकीलों को काम के दबाव से राहत देता है और उन्हें त्योहारों के मौसम में अपने परिवार और सामाजिक जीवन में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान करता है। कोर्ट की कार्यवाही 15 अक्टूबर से फिर से नियमित हो जाएगी, और सभी लंबित मामलों पर सुनवाई शुरू की जाएगी।

अधिक जानकारी या आपातकालीन मामले के लिए रजिस्ट्रार जनरल से संपर्क करें या अपने अधिवक्ता के माध्यम से निर्देश प्राप्त करें।

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