
बलरामपुर, 8 जुलाई 2025:
यूपी के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त बताए जा रहे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के आलीशान बंगले पर मंगलवार सुबह प्रशासन का बुलडोजर चला। मधुपुर स्थित यह बंगला सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया गया था, जिसे गिराने की कार्रवाई भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में की गई।
दो बुलडोजर लेकर प्रशासनिक अमला भारी पुलिस बल के साथ मंगलवार सुबह करीब 9 बजे छांगुर के बंगले पर पहुंचा। कार्रवाई शुरू करने से पहले विधिक प्रक्रिया पूरी की गई। मकान का मुख्य गेट बंद होने के कारण पुलिस ने गैस कटर से ताला काटा और टीम बंगले के भीतर दाखिल हुई।
परिसर में रह रहे लोगों को निकाला गया बाहर
उतरौला के क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र सिंह ने पुलिस टीम के साथ बंगले का निरीक्षण किया और अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई शुरू करवाई। गेट के दाईं ओर बनी दो मंजिला इमारत में रह रहे लोगों को बाहर निकलने के निर्देश दिए गए। कार्रवाई के दौरान आसपास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए।
बेदखली नोटिस के बाद विरोध
सोमवार शाम प्रशासन की टीम ने छांगुर के घर पर बेदखली का नोटिस चस्पा किया था। इसके बाद मधुपुर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। मंगलवार सुबह हुई कार्रवाई के दौरान छांगुर की बहू साबिरा ने विरोध जताते हुए प्रशासन पर बच्चों को डराने का आरोप लगाया, जिसे पुलिस ने निराधार बताया।
विदेशी नेटवर्क की जांच में जुटी एटीएस
अवैध धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के मामले में एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) छांगुर के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की भी जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार उसकी करीबी सहयोगी नीतू नवीन रोहरा ने 2014 से 2019 के बीच 19 बार यूएई की यात्रा की नीतू के पति नवीन घनश्याम रोहरा ने भी 2016 से 2020 के बीच इतने ही बार यूएई का दौरा किया। हालांकि ये दोनों केवल एक बार साथ गए और अलग-अलग लौटे।
दिलचस्प बात यह है कि दुबई के अल-फारूक उमर बिन खताब सेंटर में 16 नवंबर 2015 को नीतू, नवीन और समाले रोहरा का धर्मांतरण हुआ था, जिसे दुबई सरकार द्वारा प्रमाणित भी किया गया। लेकिन भारतीय पासपोर्ट रिकॉर्ड में इन यात्राओं की पुष्टि नहीं हो रही, जिससे संदेह गहरा गया है कि गिरोह के सदस्यों ने फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाए हो सकते हैं।
कई राज्यों तक फैला नेटवर्क
एटीएस और सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि छांगुर का गिरोह खाड़ी देशों के संगठनों के इशारे पर भारत में धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था। इसका नेटवर्क यूपी सहित कई अन्य राज्यों तक फैला होने के प्रमाण मिले हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच और तेज कर दी गई है।