Barabanki City

बाराबंकी बना निवेश का ठिकाना…सरकारी नीतियों से बदली तस्वीर, 21,854 करोड़ के एमओयू साइन

314 निवेशकों ने जताया भरोसा, 17 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा काम, 7,261 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर शुरू हो चुका है निर्माण कार्य

बाराबंकी, 27 दिसंबर 2025:

लखनऊ से सटा बाराबंकी जिला अब उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। बाराबंकी अब सिर्फ खेती पर निर्भर जिला नहीं रह गया है बल्कि यहां उद्योग, रोजगार और निवेश के नए रास्ते खुल रहे हैं। जिले में अब तक 21,854 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एमओयू साइन हो चुके हैं। इनमें 314 निवेशकों ने अलग-अलग सेक्टर में निवेश का भरोसा जताया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी उद्योग-हितैषी नीतियों, बेहतर कानून-व्यवस्था और निवेशकों के साथ भरोसेमंद माहौल का नतीजा है कि बाराबंकी आज निवेश का नया केंद्र बनता जा रहा है। यहां डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सीमेंट, डिस्टिलरी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में बड़े और मध्यम स्तर के प्रोजेक्ट सामने आए हैं।

7,261 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम शुरू, 110 इकाइयों में उत्पादन चालू

इन निवेश प्रस्तावों में से 7,261 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। जिले में अब तक 110 औद्योगिक इकाइयां उत्पादन शुरू कर चुकी हैं, जबकि 180 से ज्यादा इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में है।
इन सभी परियोजनाओं से करीब 17,571 लोगों को सीधे रोजगार मिलने की उम्मीद है। इससे जिले के युवाओं को बाहर जाने के बजाय अपने ही इलाके में काम मिलने का रास्ता खुला है।

WhatsApp Image 2025-12-27 at 3.25.44 PM

डेयरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक फैला निवेश

बाराबंकी में जिन इकाइयों ने उत्पादन शुरू किया है, उनमें डेयरी, दूध उत्पाद, सीबीजी गैस, इलेक्ट्रॉनिक्स, वायर-केबल, पेंट, बेकरी, फ्रोजन फूड, सॉफ्ट ड्रिंक, प्लास्टिक उत्पाद, दवाइयां और कोल्ड स्टोरेज जैसी इकाइयां शामिल हैं। इसके साथ ही हाउसिंग, मॉल, स्कूल और हेल्थ सेक्टर में भी निवेश हुआ है। टाटा मोटर्स की पुरानी गाड़ियों की स्क्रैपिंग यूनिट, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सीबीजी गैस परियोजना, सीपी मिल्क प्रोडक्ट्स, स्वदेश मिल्क, विभिन्न फूड प्रोसेसिंग यूनिट और मेडिकल से जुड़ी इकाइयों ने जिले की औद्योगिक तस्वीर बदल दी है।

कई बड़े प्रोजेक्ट तेजी से निर्माण की राह पर

इसके अलावा कई बड़ी परियोजनाओं पर निर्माण और मशीन इंस्टॉलेशन का काम तेज़ी से चल रहा है। इनमें ट्रांसफॉर्मर निर्माण, रियल एस्टेट और टाउनशिप, फूड और बेवरेज यूनिट, होटल प्रोजेक्ट, रेलवे से जुड़ी तकनीकी इकाइयां, मेडिकल इक्यूपमेंट निर्माण, रिसॉर्ट और फिल्म स्टूडियो जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। आने वाले समय में इनके शुरू होने से रोजगार के मौके और बढ़ने की उम्मीद है।

जीबीसी-5 में 9 हजार करोड़ का लक्ष्य

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-5 (जीबीसी-5) के तहत बाराबंकी को 9 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य दिया गया है। इसमें से 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव निवेश पोर्टल पर स्वीकृत हो चुके हैं। इसे योगी सरकार के उस विजन से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश को देश के बड़े निवेश केंद्रों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

निवेश सारथी और निवेश मित्र से निगरानी

निवेश से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स की निगरानी निवेश सारथी और निवेश मित्र पोर्टल के जरिए की जा रही है। एमओयू साइन होने के बाद जिला प्रशासन और इन्वेस्ट यूपी की टीम लगातार प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर रख रही है, ताकि निवेशकों को किसी तरह की दिक्कत न हो और काम समय पर आगे बढ़े।

हैदरगढ़ और रामसनेहीघाट में जमीन उपलब्ध

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि निवेशकों की जरूरत को देखते हुए जिले में पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराई गई है। रामसनेहीघाट में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र, हैदरगढ़ में औद्योगिक कॉरिडोर और नवाबगंज स्थित सुतमिल परिसर समेत कुल 518.92 एकड़ भूमि उद्योग लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन निवेशकों को जरूरी सुविधाएं, विभागीय तालमेल और तेजी से मंजूरी देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आने वाली औद्योगिक इकाइयों से न सिर्फ जिले का विकास होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को स्थायी रोजगार भी मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button