
ग्रेटर नोएडा,23 जनवरी 2025
ग्रेटर नोएडा के भट्टा-पारसौल में 13 साल पहले भूमि अधिग्रहण को लेकर हुए खूनी संघर्ष के मामले में सीबीसीआईडी मेरठ ने 27 किसानों के घरों पर कुर्की के नोटिस चस्पा किए हैं। इन किसानों पर हत्या, लूट और बलवा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं, लेकिन वे लंबे समय से कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं। 7 मई 2011 को किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में यमुना प्राधिकरण के खिलाफ किए गए आंदोलन में पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 2 किसान और 2 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने सैकड़ों किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे, जिनकी जांच बाद में सीबीसीआईडी को सौंपी गई।
अब तक आरोपी किसान जमानत पर थे, लेकिन कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू हो गई है। सीबीसीआईडी ने बताया कि किसानों को एक महीने के भीतर गौतमबुद्ध नगर की सीजेएम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। यदि वे ऐसा करने में असफल रहते हैं तो उनके घरों की कुर्की की जाएगी। इन किसानों में भट्टा और पारसौल के निवासियों सहित कुल 27 लोग शामिल हैं, जिनके नाम और पते नोटिस में दर्ज किए गए हैं।