
रांची, 7 जुलाई 2025
झारखंड के रांची में अपराध अन्वेषण ब्यूरो (सीआईडी) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। (सीआईडी) की साइबर अपराध शाखा ने रांची में चीनी साइबर अपराधियों के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहे सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस संबंध में सीआईडी ने 4 जुलाई को एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि साइबर थाने को गोपनीय सूचना मिली थी कि रांची के एक होटल में साइबर अपराधियों का एक गिरोह डिजिटल निवेश के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए साइबर क्राइम ब्रांच ने होटल में छापेमारी कर सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
सीआईडी की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 12 मोबाइल, 11 लैपटॉप, 14 एटीएम, चेकबुक और 60 से अधिक व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट जब्त किए गए हैं।
सीआईडी की साइबर क्राइम शाखा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग चीनी साइबर अपराधियों के लिए काम करने वाले भारतीय एजेंट हैं। गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से चीनी सिंडिकेट के लिए अवैध रूप से बैंक खाते खोले थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक विशेष एजेंट भी शामिल है जो मूनपे, ड्रैगनपे, सुपरपे और मैंगोपेइंडिया जैसी चीनी संस्थाओं के लिए काम करता था। बयान में कहा गया है कि जांच के दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए गए, जिनमें व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट शामिल हैं, जिनमें चीनी सिंडिकेट से जुड़े बैंक खातों का बड़ा विवरण है।
चीन से टेलीग्राम के ज़रिए भारतीय एजेंटों को एक ऐप भेजा गया था। भारत में साइबर अपराधी इस ऐप का इस्तेमाल सिम कार्ड में बैंक से जुड़ा डेटा डालने के लिए कर रहे थे। बयान में कहा गया है कि गिरफ़्तार किए गए सभी लोग चीनी कंपनियों की ओर से भारत में काम कर रहे थे।
विभिन्न राज्यों में दर्ज निवेश घोटाले और डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों से जुड़ी शिकायतों में गिरफ्तार चीनी एजेंटों के बैंक खातों के लिंक मिले हैं। ये शिकायतें एनसीपीसीआर पोर्टल पर दर्ज की गई हैं। देशभर में इस गिरोह के खिलाफ कुल 68 शिकायतें दर्ज की गई हैं। ये सभी बिहार और मध्य प्रदेश से हैं।






