“घर-परिवार छोड़कर राजनीति में आए ये सियासी दिग्गज: भूखे सोने की भी है कहानी”

mahi rajput
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दुमका, 4 नवंबर 2024

जरमुंडी विधानसभा सीट से कांग्रेस के बादल पत्रलेख एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं, जहां वे 2014 और 2019 में जीत हासिल कर चुके हैं और अब हैट्रिक के लिए प्रयासरत हैं। बीजेपी के देवेंद्र कुंवर इस बार उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बादल की राजनीति में एंट्री की दिलचस्प कहानी है; दिल्ली में पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय रहे, और समाज सेवा में कदम रखते ही घर-परिवार छोड़ दिया। उन्होंने गरीब और वंचित समाज के हक के लिए संघर्ष किया और अब तक शादी नहीं की है।

बादल पत्रलेख ने 2009 में पहली बार जरमुंडी से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। हार नहीं मानते हुए, उन्होंने गांव-गांव घूमकर ग्रामीणों के बीच अपनी पहचान बनाई, कई बार बिना खाना खाए रात बिताई। वे पैदल यात्रा करते हुए पंचायत या स्कूल के बरामदों में सोते रहे। 2014 में पहली बार विधायक बनने के बाद, 2019 में उन्होंने दूसरी बार भी जीत हासिल की। विपक्ष में रहते हुए और बाद में मंत्री बनकर भी उनकी दिनचर्या में कोई खास बदलाव नहीं आया, और वे अब भी गांवों में घूमने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। घर लौटने का उनका कोई इरादा नहीं है।

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