
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 29 जुलाई 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी में मंगलवार को नागपंचमी पर्व की धूम दिखाई दी। जैतपुरा नवापुरा स्थित प्राचीन नागकूप पर सुबह से ही भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने नागकूप का दर्शन-पूजन कर परिसर में विराजमान नागेश्वर महादेव के दरबार में हाजिरी लगाई और शिवलिंग का जलाभिषेक कर सुख-शांति की कामना की।

नागपंचमी पर्व पर मंगलवार की सुबह से ही नागकूप मंदिर में भक्तों की कतारें लग गईं। भोर में गर्भगृह में नागेश्वर महादेव की विधिवत आराधना और मंगला आरती के बाद मंदिर के पट आम भक्तों के लिए खोल दिए गए। भक्तों ने बेलपत्र, धतूरा, फूल, हल्दी-चावल और दूध अर्पित कर सर्प देवता और नागेश्वर महादेव की विधि-विधान से पूजा की। बिल्वार्चन और दुग्धाभिषेक के साथ मंदिर परिसर भक्ति के रंग में डूब गया। नागपंचमी की शाम को नागकूप पर संस्कृत विद्वानों का जमावड़ा हुआ। नागकूप शास्त्रार्थ समिति द्वारा आयोजित शास्त्रार्थ सभा में विद्वानों ने परंपरानुसार गहन विचार-विमर्श किया। यह परंपरा भी इस स्थान को खास बनाती है, क्योंकि यहीं शेषावतार महर्षि पतंजलि ने अपने गुरु महर्षि पाणिनी के अष्टाध्यायी पर महाभाष्य और योगसूत्र की रचना की थी।
नागपंचमी पर्व पर काशी के अखाड़ों में परंपरानुसार मल्लयुद्ध, दंगल और कुश्ती का शानदार प्रदर्शन हुआ। सुबह से ही नगर के प्रमुख अखाड़ों में युवा और अनुभवी पहलवानों ने मिट्टी की पूजा-अर्चना के बाद अपनी शारीरिक ताकत और कौशल का प्रदर्शन किया। रामसिंह, गयासेठ, पंडाजी, मानमंदिर, बबुआ पांडेय, बड़ा गणेश, जग्गू सेठ, रामकुंड, लालकुटी व्यायामशाला, कालीबाड़ी, गैबीनाथ और तकिया सहित शहर के सभी छोटे-बड़े अखाड़ों में उत्साह का माहौल रहा।






